गोपालगंज। गृह मंत्री अमित शाह के संसद में संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयान को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने कड़ा विरोध जताया। जिले के अंबेडकर चौक पर बसपा नेताओं ने धरना देकर अपना आक्रोश व्यक्त किया। धरने के बाद जिलाधिकारी से मिलकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में बसपा के नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए।
क्या है मामला?
बसपा नेताओं का आरोप है कि 17 दिसंबर को संविधान की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में अंबेडकर के प्रति अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। इस बयान को बाबा साहब के विचारों और दलित समुदाय के लिए एक बड़ा अपमान माना जा रहा है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, “गृह मंत्री का यह बयान न केवल बाबा साहब का, बल्कि पूरे संविधान का अपमान है। यह दलित समाज के आत्मसम्मान पर सीधा हमला है।”
धरने की गूंज:
धरना अंबेडकर चौक पर बाबा साहब की प्रतिमा के सामने आयोजित किया गया। कार्यकर्ताओं ने “अमित शाह माफी मांगो” और “दलित सम्मान की रक्षा करो” जैसे नारों से चौक को गूंजा दिया। इस दौरान बसपा नेताओं ने संविधान और अंबेडकर के योगदान पर चर्चा की और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।
मांग और चेतावनी:
बसपा नेताओं ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की कि अमित शाह तुरंत देश और दलित समाज से माफी मांगें। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर गृह मंत्री ने माफी नहीं मांगी, तो यह आंदोलन देशव्यापी रूप ले लेगा। “हम बाबा साहब के सम्मान पर आंच नहीं आने देंगे,” एक बसपा नेता ने कहा।
भविष्य की रणनीति:
बसपा ने स्पष्ट किया कि वे इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेंगे। जिलाध्यक्ष ने कहा, “हम हर स्तर पर इस लड़ाई को लड़ेंगे। बाबा साहब ने हमें जो अधिकार दिए हैं, उनकी रक्षा के लिए यह आंदोलन सिर्फ शुरुआत है।”
धरने में उमड़े लोगों की संख्या और उनके जोश ने यह संकेत दे दिया है कि यह मामला सिर्फ एक राजनीतिक विरोध नहीं, बल्कि दलित समुदाय के सम्मान और अधिकारों की लड़ाई है। यह देखना होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है और यह आंदोलन कितनी दूर तक जाता है।
अमित शाह के बयान पर भड़की बसपा, अंबेडकर चौक पर दिया धरना
