गोपालगंज: जिले में टीबी (तपेदिक) को जड़ से खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 100 दिवसीय सघन टीबी उन्मूलन अभियान को और अधिक तेज कर दिया है। यह अभियान राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत बिहार के 10 जिलों में संचालित हो रहा है, जिसमें गोपालगंज भी शामिल है।
अगले 14 दिनों में जिले के सभी उच्च जोखिमयुक्त समूहों में टीबी स्क्रीनिंग और जांच को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने सिविल सर्जन को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
इस अभियान में आयुष्मान आरोग्य मंदिर के सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। सीएचओ प्रतिदिन 100 उच्च जोखिम युक्त व्यक्तियों की टीबी स्क्रीनिंग करेंगे और उन्हें निक्षय पोर्टल पर अपलोड कर टेस्टिंग के लिए रेफर करेंगे।
100 दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान का मुख्य उद्देश्य:
सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य टीबी के निदान और उपचार सेवाओं को मजबूत करना है, विशेषकर दूरदराज, वंचित क्षेत्रों और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए। अभियान मधुमेह, एचआईवी, कुपोषण और अन्य सह-रुग्णता वाले व्यक्तियों पर विशेष ध्यान देगा।
सीडीओ डॉ. अरविन्द कुमार ने बताया कि टीबी एक गंभीर संचारी रोग है, जिसका समय पर इलाज न होने पर संक्रमण तेजी से फैलता है।
टीबी के लक्षण:
- लगातार दो सप्ताह से अधिक खांसी
- बुखार या बलगम में खून आना
- वजन में कमी और भूख न लगना
ऐसे लक्षणों के प्रकट होते ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच करानी चाहिए। पुष्टि होते ही मरीज का नि:शुल्क इलाज शुरू किया जाएगा और पोषण के लिए एक हजार रुपये की धनराशि भी दी जाएगी।
अभियान का उद्देश्य:
- टीबी के छूटे हुए रोगियों की पहचान करना।
- टीबी से मृत्यु दर को कम करना।
- टीबी संक्रमण को नए व्यक्तियों में फैलने से रोकना।
इस विशेष अभियान के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग टीबी उन्मूलन की दिशा में एक ठोस कदम उठा रहा है, जिससे जिले को टीबी मुक्त बनाने का सपना साकार हो सके।