गोपालगंज। जिले के व्यवहार न्यायालय के एडीजे-10 मानवेंद्र मिश्र की अदालत ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाया। महज नौ दिनों में मुकदमा पूरा कर कोर्ट ने मासूम की हत्या के मामले में दोषी महिला को आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा दी। जुर्माना नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। यह फैसला नए आपराधिक कानून बीएनएस की धारा 103 के तहत सुनाया गया।
मामला सिधवलिया थाना क्षेत्र के पंडितपुर गांव का है। 13 अगस्त 2024 को अशोक चौरसिया की पत्नी सुमित्रा देवी स्कूल में काम करने गई थीं। घर पर उसका पांच वर्षीय बेटा अजय कुमार, बेटी पूनम कुमारी और एक अन्य बच्ची थीं। स्कूल से लौटने पर बेटा घर में नहीं मिला। पूछताछ पर बेटी ने बताया कि “बड़ी मम्मी” यानी उर्मिला देवी ने 10 रुपये देकर कुरकुरे लाने को कहा था और बच्चे को मोबाइल दिखा रही थीं। कुरकुरे लेकर लौटी तो बेटा नहीं दिखा।
बाद में छोटी बेटी बीना कुमारी ने बताया कि उसकी चचेरी बहन ने अजय को कंधे पर लादकर मक्के के खेत की ओर ले गई थी। जब परिवार ने खोजबीन शुरू की तो शाम 5 बजे घर से थोड़ी दूर मक्के के खेत में अजय कुमार का शव मिला। गले पर उंगलियों और नाखूनों के निशान थे।
पुलिस ने मामला दर्ज कर उर्मिला देवी को गिरफ्तार किया। 17 मार्च से शुरू हुए ट्रायल में कुल 5 गवाह पेश किए गए, जिनमें सबसे अहम चश्मदीद गवाह सात साल की बीना कुमारी रही। कोर्ट ने उसके बयान को महत्वपूर्ण मानते हुए शुक्रवार को उर्मिला देवी को दोषी करार दिया और उम्रकैद की सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष की ओर से एपीपी जयराम साह ने पैरवी की, जबकि बचाव पक्ष से रमेश चौरसिया और उदय श्रीवास्तव ने दलीलें दीं। सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।
कुरकुरे के बहाने मासूम की हत्या, बड़ी मां को उम्रकैद
