पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनता पार्टी (RLJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति नाथ पारस शुक्रवार को गोपालगंज पहुंचे। यहां उन्होंने कुचायकोट प्रखंड के कालामटिहीनिया गांव में आयोजित गंडक दियारा संघर्ष समिति के संयोजक अनिल मांझी की श्रद्धांजलि सभा में भाग लिया और उनकी प्रतिमा का अनावरण कर पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान उन्होंने अनिल मांझी को “तीसरा अंबेडकर” बताते हुए कहा कि उन्होंने दियारा क्षेत्र को बचाने के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। कई दिनों तक जल सत्याग्रह करते हुए पानी में खड़े रहे, भूखे रहे, जिसके कारण उनकी तबीयत बिगड़ी और गंभीर बीमारी से उनकी मृत्यु हो गई।
पूर्व मंत्री ने कहा, “अगर सरकार समय रहते चेत जाती, तो अनिल मांझी की जान बचाई जा सकती थी।” उन्होंने ग्रामीणों की मांग पर यह आश्वासन भी दिया कि बांध का नाम अनिल मांझी के नाम पर रखने के लिए राज्यपाल से अनुरोध किया जाएगा।
पारस ने कहा कि 2025 में अगर उनकी सरकार बनती है, तो अनिल मांझी के सपनों को ज़रूर साकार किया जाएगा।
अनिल मांझी को पूर्व मंत्री पारस ने दी श्रद्धांजलि, कहा– थे ‘तीसरे अंबेडकर’
