गोपालगंज में भीषण गर्मी के कारण आगलगी की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसे देखते हुए जिला पदाधिकारी प्रशांत कुमार सी एच के निर्देश पर आग से होने वाली जान-माल और फसल की क्षति को रोकने के लिए जिलेभर में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिला आपदा प्रबंधन शाखा की ओर से लोगों को अग्निकांड से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है। एसओपी के अनुसार गांव-गांव और मोहल्लों में आम नागरिकों को आग से बचाव के उपाय समझाए जा रहे हैं। लोगों से अपील की गई है कि खाना बनाते समय सावधानी बरतें और सूती कपड़े ही पहनें। गेहूं की ओसौनी रात में गांव के बाहर खलिहान में करें। घर और खलिहान में पानी या बालू की व्यवस्था रखें। रसोईघर में बच्चों को अकेला न छोड़ें और खाना बनाते समय खिड़की से सीधे चूल्हे या स्टोव तक हवा न पहुंचे, इसका ध्यान रखें। तैलीय पदार्थ से लगी आग पर पानी न डालें, बल्कि बेकिंग सोडा या नमक डालें या उस पर ढक्कन रख दें। गैस चूल्हे के इस्तेमाल के तुरंत बाद सिलिंडर का नॉब बंद कर देना चाहिए। बिजली के तारों और उपकरणों की समय-समय पर जांच करें। घर के सभी लोगों को अग्निशमन और आपातकालीन नंबरों की जानकारी होनी चाहिए। प्रशासन की ओर से यह भी अपील की गई है कि कोई भी व्यक्ति सरकारी सहायता पाने के लिए जानबूझकर आग न लगाए, ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं जिला प्रशासन ने आगलगी से बचाव के लिए कंट्रोल रूम की व्यवस्था की है, जिसका नंबर 06156-225509 है। इसके अलावा अनुमंडल स्तर पर भी संपर्क सूत्र जारी किए गए हैं, जिसमें गोपालगंज अनुमंडल अग्निशमन पदाधिकारी मनोज कुमार परवाना से 9471826649 और हथुआ अनुमंडल पदाधिकारी प्रमोद कुमार सिंह से 9931958989 पर संपर्क किया जा सकता है। लोगों से अपील की गई है कि माचिस, बीड़ी, सिगरेट, हुक्का आदि के इस्तेमाल के बाद उन्हें पूरी तरह बुझाकर ही फेंकें और चूल्हा, ढिबरी, मोमबत्ती आदि जलाकर unattended न छोड़ें। अनाज के ढेर या फूस के पास अलाव या डीजल इंजन न जलाएं और ज्वलनशील पदार्थों को सार्वजनिक स्थलों पर न ले जाएं। कपड़े में आग लगने की स्थिति में दौड़ने की बजाय जमीन पर लेटकर लुड़कना चाहिए। खाना पकाते समय ढीले-ढाले कपड़े न पहनें और किसी भी अग्निकांड के दौरान लिफ्ट का प्रयोग न करें। गैस की दुर्गंध आने पर बिजली के स्विच को नहीं छूना चाहिए। इन सावधानियों को अपनाकर आगलगी की घटनाओं को कम किया जा सकता है और जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
गर्मी में बढ़ती आगलगी को लेकर लोगों को जागरूक
