देवरिया। केंद्रीय विद्यालय के स्थायी भवन निर्माण में वर्षों से आ रही रुकावट की असली वजह सामने आ गई है। वर्ष 2005 में ग्राम अमेठी (नगर बाहर) की 3.914 हेक्टेयर भूमि (गाटा संख्या 8, 9, 10, 12, 225, 226) विद्यालय के लिए आवंटित की गई थी। लेकिन कुछ व्यक्तियों ने इस भूमि पर फर्जी स्वामित्व का दावा कर न्यायालयों में मामले दर्ज करा दिए, जिससे निर्माण कार्य वर्षों तक बाधित रहा।
जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल द्वारा गठित विशेष जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि राजस्व अभिलेखों में कूटरचना हुई है। रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने अभिलेखागार में कार्यरत दोषी कर्मचारियों और अनुचित लाभ उठाने वाले हितधारकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि वर्ष 2020 में निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था, लेकिन हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के चलते इसे रोकना पड़ा। अब प्रशासनिक स्तर पर न्यायालय में प्रभावी पैरवी की जा रही है ताकि स्थगन आदेश समाप्त कराया जा सके और भवन निर्माण पुनः शुरू किया जा सके।
इस कार्रवाई से उम्मीद जगी है कि जल्द ही देवरिया का केंद्रीय विद्यालय अपने स्थायी भवन में एक बेहतर शैक्षणिक माहौल के साथ संचालित हो सकेगा।