जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल की अध्यक्षता में बाढ़ स्टीयरिंग ग्रुप की बैठक आज विकास भवन स्थित गांधी सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में आगामी मानसून के दृष्टिगत बाढ़ से निपटने के लिए सभी विभागों की तैयारियों की विस्तार से समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी तैयारियां समयबद्ध तरीके से पूरी की जाएं और किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो। उन्होंने नाव मालिकों, नाविकों और गोताखोरों की सूची तैयार करने को कहा। बाढ़ के दौरान पेयजल संकट से बचाव के लिए इंडिया मार्का हैंडपंपों को ऊंचे प्लेटफार्म पर स्थापित करने के निर्देश दिए गए। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग को पूर्व में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं और टीकाकरणरत बच्चों की सूची तैयार करने को कहा गया। पशुपालन विभाग को पशुओं के लिए टीकाकरण, दवा एवं चारे की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने नगर क्षेत्र सहित ग्रामीण क्षेत्रों में सभी प्रमुख नालों की सफाई जल्द पूर्ण कराने के निर्देश दिए, ताकि वर्षा जल का निकास बाधित न हो। सीएमओ को एंटी स्नेक वेनम सहित सभी आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। सभी विभागों को गत वर्षों के अनुभवों के आधार पर माइक्रो प्लान तैयार करने को कहा गया, ताकि संभावित समस्याओं से निपटने के लिए पहले से ही तैयारी की जा सके।
बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि इस वर्ष जनपद में कुल 13 परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है, जिन्हें 15 जून से पूर्व हर हाल में पूर्ण कर लिया जाएगा। जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी ने बताया कि जनपद में लगभग 4000 पूर्व सैनिक हैं, जो आपात स्थिति में सेवाएं देने के लिए तत्पर रहेंगे। वर्ष 2024 में जनपद में कुल 570 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी। वर्ष 2017 से अब तक बाढ़ सुरक्षा हेतु कुल 56 परियोजनाएं पूर्ण की जा चुकी हैं।अधिशासी अभियन्ता, बाढ़ कार्य खंड देवरिया द्वारा समिति को पीपीटी के माध्यम से जिले की बाढ़ से संबंधित भौगोलिक स्थिति, तटबन्धों, नालों और तैयारियों की विस्तृत जानकारी दी गई। जनपद में राप्ती, घाघरा, गुर्रा और छोटी गण्डक सहित कुल चार नदियां तथा बथुआ, खनुआ और हाहा नामक तीन प्रमुख नाले हैं। इन पर कुल 40 तटबन्ध निर्मित हैं, जिनकी कुल लम्बाई 241.048 किमी है। इनमें से 7 तटबन्धों पर 8 संवेदनशील स्थल चिन्हित किए गए हैं, जबकि कोई भी स्थान अति संवेदनशील नहीं पाया गया है। जनपद में कुल 22 तटबन्धों, ड्रेनों तथा नालों पर 61 रेगुलेटर कार्यरत हैं। गुर्रा नदी के पिड़राघाट तथा घाघरा नदी के पिण्डी पर वायरलेस स्टेशन स्थापित हैं, जो 24×7 कार्यरत रहते हैं।
बाढ़ के दौरान त्वरित सहयोग के लिए 25 तटबन्धों पर 55 बाढ़ सुरक्षा समितियों का गठन किया गया है, जिनके व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। जनपद में 9 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है, जहां आवश्यक सामग्री उपलब्ध रहेगी। इन चौकियों पर संबंधित अवर अभियंताओं, कनिष्ठ अभियंताओं और मेटों के संपर्क नंबर प्रदर्शित किए गए हैं। बाढ़ नियंत्रण एवं सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु 1 जून से 31 अक्टूबर 2024 तक खंडीय कार्यालयों में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिया गया है, जो 24×7 क्रियाशील रहेगा। संबंधित कर्मचारियों की ड्यूटी निर्धारित कर दी गई है।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल गुप्ता, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अरुण कुमार राय, अपर जिलाधिकारी प्रशासन जैनेंद्र सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार वर्मा, जिला विकास अधिकारी रविशंकर राय, जिला पूर्ति अधिकारी संजय पांडेय, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरविंद वैश्य, अधिशासी अभियंता बाढ़ कार्य खंड देवरिया सहित अन्य जनपदीय अधिकारी उपस्थित रहे।