गोपालगंज। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर अपनी ‘बिहार बदलाव यात्रा’ के तहत लगातार अलग-अलग जिलों और प्रखंडों में लोगों से संवाद कर रहे हैं। इसी कड़ी में अपने तीन दिवसीय गोपालगंज दौरे के अंतिम दिन उन्होंने शहर के।एक निजी होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर कटाक्ष किया साथ ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर को आड़े हाथों लिया।
दरअसल जन सुराज की राजनीतिक गतिविधियों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि 2 अक्टूबर 2024 को जन सुराज अभियान ने एक पार्टी का रूप लिया। और आज यह पूरे विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि महज 5-6 महीने में ही जन सुराज से बड़ा संगठन किसी भी पार्टी के पास राजनीतिक संगठन के रूप में नहीं है। अगर आंकड़ों की बात करें तो 1 करोड़ लोगों ने मिलकर इस पार्टी का गठन किया है और करीब तीन से चार लाख लोग प्रतिमाह 10 रुपये की सदस्यता शुल्क देकर पार्टी के प्राथमिक सदस्य बन रहे हैं। ‘बिहार बदलाव यात्रा’ की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में संपूर्ण क्रांति और व्यवस्था परिवर्तन के उद्देश्य से 20 मई को जेपी की जन्मभूमि सिताब दियारा से ‘बिहार बदलाव यात्रा’ की शुरुआत की गई। यात्रा का उद्देश्य व्यवस्था परिवर्तन के लिए बिहार की जनता को जागरूक करना है।
इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी के बिहार दौरे पर तंज कसते हुए कहा कि सवाल ये नहीं है कि पीएम बिहार आ रहे हैं। अहम ये है कि वो बिहार क्यों आ रहे हैं। पीएम इसलिए आ रहे हैं क्योंकि बिहार में चुनाव हैं। लेकिन इस बार जब वो आएं तो उन्हें दो सवालों का जवाब देना चाहिए। पहला, 2015 में आरा से उन्होंने जो 1.25 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया था, उसका क्या हुआ। और दूसरा, उनके बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, जो कभी सीमांचल के एक सिख अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेज में क्लर्क की नौकरी करते थे, आज उसके मालिक कैसे बन गए।इसके अलावा उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि आज तेजस्वी यादव ‘DK टैक्स’ पर बयानबाजी कर रहे हैं। लेकिन वो भूल गए कि डेढ़ साल पहले जब वह नीतीश कुमार के साथ सरकार में थे और उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे, तब भी मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वही व्यक्ति थे जिन पर आज वो ‘DK टैक्स’ को लेकर हमला कर रहे हैं। इसका मतलब ये है कि जब आप सत्ता में थे तो उनके साथ बैठकर मलाई खा रहे थे और आज जब आप सत्ता से बाहर हैं और आपकी मलाई बंद हो गई है तो आप बाप-बाप कह रहे हैं।इसके अलावा उन्होंने हाल ही में बिहार में अधिकारियों के तबादले और आयोगों में नेताओं और अफसरों के परिजनों की नियुक्ति को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि जितने भी तबादले और नियुक्तियां हुई हैं, वे नीतीश कुमार के फैसले नहीं हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि नेताओं और अफसरों ने जिस तरह से आयोगों में अपने परिजनों की नियुक्ति की है, वह नीतीश कुमार के राजनीतिक शैली के विपरीत है। नीतीश कुमार के खराब मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के कारण मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द बैठे चंद सलाहकार ही फैसले ले रहे हैं।