गोपालगंज। चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण केंद्र सरकार के इशारे पर लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश है। इसके माध्यम से भाजपा और जदयू गरीबों और वंचित वर्गों के मतदान का अधिकार छीनना चाह रही है।
उक्त बातें राजद के जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार सिंह ने आज राजद के वरीय नेताओं के साथ आयोजित बैठक में कही।
बैठक में राजद के विधायक प्रेमशंकर यादव, राजेश सिंह कुशवाहा, पूर्व विधायक रेयाजुल हक राजू, पूर्व प्रत्याशी मोहन प्रसाद गुप्ता, प्रधान महासचिव इम्तेयाज़ अली भुट्टो, उपाध्यक्ष सुरेश चौधरी व पिन्टू पांडेय आदि मौजूद थे।
राजद नेताओं ने आरोप लगाया कि यह पूरी कवायद एनडीए की साजिश है। मतदाता सर्वे का मकसद गरीब, वंचित और शोषित वर्ग को वोटर लिस्ट से दूर करना है।
इन नेताओं ने कहा कि इसके पूर्व जब चुनाव आयोग ने 2003 में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण कार्य कराया तो उसमें पूरे 2 साल लगे थे, लेकिन बिहार में चुनाव आयोग यह पूरी प्रक्रिया को 25 दिनों में पूरा करने की बात कर रहा है। यह बात संदेह पैदा करने वाली है।
इन नेताओं ने कहा कि आरएसएस नेता दत्तात्रेय होसबाले संविधान बदलने की बात कहते हैं। यह सारी प्रक्रिया संविधान के खिलाफ है।
राजद नेताओं ने कहा कि यह प्रक्रिया केवल बिहार में क्यों की जा रही है? क्या देश के बाकी राज्यों को इसकी जरूरत नहीं है? यह पूरी प्रक्रिया बिहार को निशाना बनाने की एक सोची-समझी रणनीति हैं। यहां 8 करोड़ से अधिक मतदाता हैं। लगभग 60 फीसदी लोगों को अब अपनी नागरिकता साबित करनी पडे़गी।
राजद नेताओं ने कहा कि हमारे एक-एक कार्यकर्ता प्रत्येक बूथ पर इस कार्यक्रम की सतत निगरानी करेंगे और केंद्र व राज्य सरकार की किसी भी हेरा-फेरी को सफल नही होने देंगे।