भोरे प्रखंड के मनरेगा भवन में कार्ययोजना को लेकर मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी (पीओ) राजीव रंजन और चकरवां खास पंचायत के मुखियापति विजय तिवारी के बीच विवाद ने गंभीर रूप ले लिया। झड़प के दौरान धक्का-मुक्की हुई, जिससे कार्यालय में अफरातफरी का माहौल बन गया। मौके पर मौजूद कर्मियों और प्रखंड कार्यालय के अन्य लोगों ने बीच-बचाव कर स्थिति को शांत कराया।
घटना के तुरंत बाद बीडीओ दिनेश कुमार सिंह ने मौके पर पहुंचकर मामले की जानकारी ली और पुलिस को सूचित किया। पुलिस के पहुंचने से पहले ही मुखियापति और उनके सहयोगी प्रखंड कार्यालय से बाहर चले गए। इसके बाद दोनों पक्षों ने स्थानीय थाने में एक-दूसरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया।
मुखिया का आरोप: चकरवां खास पंचायत की मुखिया अर्पिता देवी ने आरोप लगाया है कि कार्यक्रम पदाधिकारी ने योजना के क्रियान्वयन में बार-बार कमीशन की मांग की। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो पीओ ने उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट शुरू कर दी। आरोप है कि उन्हें कमरे में बंद कर बदसलूकी की कोशिश की गई। इस दौरान भोरे पंचायत के मुखियापति अर्जुन सिंह भी वहां मौजूद थे और उन्होंने मुखिया को धमकी दी कि उनके पति को झूठे मुकदमे में फंसा दिया जाएगा।
घटना के बाद मुखिया संघ के अध्यक्ष मोहन सिंह और अन्य मुखियाओं ने थाने पहुंचकर मामले में उचित कार्रवाई की मांग की। एसडीएम ने भी ब्लॉक कार्यालय का दौरा किया और स्थिति की समीक्षा की।
कार्यक्रम पदाधिकारी का पक्ष:
कार्यक्रम पदाधिकारी राजीव रंजन ने अपने आवेदन में आरोप लगाया कि मुखियापति विजय तिवारी और राकेश सिंह पांच-छह लोगों के साथ कार्यालय में घुस आए और गाली-गलौज करते हुए उनसे हाथापाई की। उन्होंने सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने, टेबल पर रखे सामानों को फेंकने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया। पीओ ने बताया कि घटना के समय लेखपाल ललन कुमार, पंचायत रोजगार सेवक आफताब आलम और प्रमोद कुमार भी कार्यालय में मौजूद थे।
प्रशासन की प्रतिक्रिया: बीडीओ दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि जनप्रतिनिधि और सरकारी कर्मियों के बीच आपसी समन्वय से ही काम किया जाता है। मनरेगा कार्यालय में हुई घटना बेहद निंदनीय है और मामले की पुलिस जांच की जा रही है। प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
पुलिस जांच जारी: इस मामले ने पूरे प्रखंड में हलचल मचा दी है। पुलिस दोनों पक्षों की तहरीर के आधार पर जांच कर रही है। प्राथमिक जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस घटना से प्रखंड में जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच तनावपूर्ण माहौल बन गया है।
मनरेगा पीओ और मुखियापति के बीच झड़प, मामला पुलिस जांच के अधीन
