मांझागढ़, गोपालगंज: एक समय था जब गरीबी और संसाधनों की कमी के कारण बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करना कठिन था। करीब पचास साल पहले, सरकारी विद्यालयों में न तो किताबों की व्यवस्था थी, न ही छात्रवृत्ति या स्कूल ड्रेस की सुविधा। उस दौर में अभिभावकों को अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए कॉपी, किताब, स्कूल फीस जैसी जिम्मेदारियां खुद उठानी पड़ती थीं।
रोजगार की सीमित संभावनाएं और उद्योगों की कमी के कारण लोग मुख्य रूप से कृषि और मजदूरी पर निर्भर थे, जिससे शिक्षा का स्तर निम्न बना रहा। लेकिन समय के साथ सरकार की नीतियों में बदलाव आया और शिक्षा व्यवस्था में सुधार हुआ।
शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल
अब सरकार ने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई सुविधाएं लागू की हैं, जिनमें शामिल हैं:
✔ विद्यालयों में मध्याह्न भोजन (PM पोषण योजना)
✔ बच्चों के लिए निःशुल्क स्कूल ड्रेस, किताबें और छात्रवृत्ति
✔ उच्च शिक्षा में अच्छे अंक लाने वालों के लिए प्रोत्साहन राशि
सरकार की इन योजनाओं का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। अब हर वर्ग के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने करियर को संवारने में सक्षम हो रहे हैं। शिक्षा के प्रति बच्चों और बच्चियों में जागरूकता बढ़ी है, जिससे वे अपने भविष्य को उज्जवल बनाने की दिशा में अग्रसर हो रहे हैं।