गोपालगंज जिले के भोरे थाना क्षेत्र के जगदीश बनतरिया गांव में शॉर्ट सर्किट से लगी आग में सुनील मंडल की झोपड़ी जलकर राख हो गई। इस हादसे में उनकी 10 वर्षीय पुत्री गंभीर रूप से झुलस गई, जिसे आनन-फानन में भोरे रेफरल अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए गोरखपुर रेफर कर दिया गया।
शॉर्ट सर्किट से झोपड़ी में भीषण आग लग गई, जो इतनी तेजी से फैली कि सुनील मंडल की झोपड़ी में रखा सारा सामान जलकर खाक हो गया। आग में एक बकरी की भी जलकर मौत हो गई। हादसे के दौरान सुनील की बेटी झोपड़ी के अंदर ही फंस गई और गंभीर रूप से झुलस गई। स्थानीय लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
घटना के बाद स्थानीय नेता, प्रशासन और बिजली विभाग सतर्क हो गए हैं। सभी ने पीड़ित परिवार को सहायता का आश्वासन दिया है। लेकिन इस हादसे ने प्रधानमंत्री आवास योजना पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर क्या वजह है कि सुनील मंडल जैसे जरूरतमंद आज भी पक्के मकान से वंचित हैं?
भोरे प्रखंड के पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास किसे दिए जा रहे हैं, जबकि सुनील मंडल जैसे कई लोग झोपड़ियों में जीवन बिता रहे हैं? यह प्रश्न न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि सरकारी नीतियों पर भी गंभीर चिंतन की आवश्यकता को दर्शाता है।
स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि प्रशासन सुनील मंडल को तत्काल राहत प्रदान करे और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें पक्का मकान उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा, आग से झुलसी बच्ची के बेहतर इलाज के लिए हरसंभव मदद सुनिश्चित की जाए।