कटेया (गोपालगंज)। धर्मगता गांव में चल रहे सात दिवसीय भागवत कथा का समापन आचार्य विमल शुक्ल के प्रवचन के साथ हुआ। आचार्य विमल शुक्ल ने कहा कि मुक्ति का एकमात्र स्रोत ईश्वर ही हैं, जिन्हें निश्छल प्रेम से ही प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि भौतिकवादी युग में कलियुग के प्रभाव से सब प्रभावित हैं। जब तक व्यक्ति निष्काम प्रेम से भगवान की भक्ति नहीं करेगा, तब तक उसकी प्राप्ति संभव नहीं है। रुक्मिणी ने निश्छल प्रेम से भगवान श्रीकृष्ण को प्राप्त किया था।
भागवत कथा के अंतिम दिन कृष्ण-रुक्मिणी संवाद का मंचन किया गया, जिसमें राधा रानी मिश्रा और तन्मय तिवारी ने शानदार प्रस्तुति दी। इस अवसर पर हरेंद्र मिश्र और माला मिश्रा ने भगवान का पाणिग्रहण किया।
कथावाचक आचार्य विमल शुक्ल के साथ पुष्पेंद्र सिंह, आशीष शुक्ल और पारस ठाकुर ने वाद्ययंत्र पर सहयोग दिया। कार्यक्रम में राहुल धर दुबे, प्रियम धर दुबे, महादेव मिश्र, सुनैना देवी, अनीश मिश्र, योगेंद्र मिश्र, बबलू मिश्र, दिनेश मिश्र, उपेंद्र मिश्र, अशोक मिश्र, आदित्य मिश्र, वीरेंद्र तिवारी और मृत्युंजय मिश्र सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
भागवत कथा का समापन, आचार्य ने दिए उपदेश
