गोपालगंज के हथुआ प्रखंड में चैती छठ पर्व इस बार एक खास संदेश के साथ मनाया गया। बरवा छठघाट पर छठव्रतियों ने न सिर्फ उदयमान सूर्य को अर्ध दिया, बल्कि पर्यावरण बचाने का संकल्प लेते हुए पौधरोपण भी किया।
चार दिवसीय महापर्व छठ शुक्रवार की सुबह संपन्न हुआ। अर्ध देने के लिए छठव्रती घाटों पर पहुंचे, लेकिन पोखर में पानी की कमी ने थोड़ी मुश्किल जरूर खड़ी की। हालांकि ग्रामीणों के प्रयास से समय रहते पोखर को पानी से भर दिया गया।
इस दौरान बरवा छठघाट पर पर्यावरण मित्र डॉ. सत्य प्रकाश के नेतृत्व में व्रतियों ने छायादार, फलदार और फूलों के पौधे लगाए। इस खास पहल में बिंदु देवी, शोभा देवी, दीप्ती दीपांजलि, मधु श्रीवास्तव और ज्योति कुमारी जैसी व्रतियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
उनका कहना है कि छठ पूजा की सारी सामग्री खेत और किसानों से जुड़ी होती है, ऐसे में प्रकृति को कुछ लौटाने की भावना से हर साल पौधा लगाया जाता है।
पर्यावरण मित्र डॉ. सत्य प्रकाश ने भी लोगों को जल, जंगल और जमीन बचाने का संदेश देते हुए कहा कि त्योहारों को पर्यावरण से जोड़ना समय की ज़रूरत है। बरवा गांव में हर साल छठ के अवसर पर पौधरोपण की परंपरा निभाई जाती है।
इस मौके पर गांव के डॉ. राम विष्णु प्रसाद, दिवाकर प्रसाद, संतोष कुमार, जय प्रकाश, वेद प्रकाश, सानवी, काव्य, अंश, वंश, अनिकेत, परी, चुलबुल और बुलबुल कुमारी समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
बरवा छठघाट पर छठव्रतियों ने पर्यावरण बचाने का लिया संकल्प, पौधरोपण किया
