गोपालगंज के कुचायकोट प्रखंड अंतर्गत भोपतपुर बघउच दुर्गा स्थान पर चल रहे श्री शतचण्डी महायज्ञ में श्रीधाम वृंदावन से पधारीं श्रीमद्भागवत कथा वाचिका दीदी आराध्या जी ने कथा के चौथे दिन भक्त प्रह्लाद की कथा सुनाई।
उन्होंने बताया कि कभी-कभी बेटा सुपात्र होता है, लेकिन पिता कुपात्र निकल जाता है, जैसा कि हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद के प्रसंग में देखा गया। दीदी आराध्या ने भगवान नरसिंह के अवतार, प्रह्लाद की अटूट भक्ति, होलिका की मृत्यु और हिरण्यकश्यप वध की कथा को भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया।
कथा के दौरान महिलाएं और पुरुष भावविभोर होकर झूमते और भजन पर थिरकते नजर आए। मंच का संचालन धनंजय चौबे ने प्रभावशाली शब्दों के साथ किया।
इस अवसर पर श्रीमद्भागवत कथा के रसपान में गोपालगंज के कई प्रमुख श्रद्धालु उपस्थित रहे, जिनमें आचार्य योगेंद्र तिवारी, चंद्रमोहन पांडे, कृष्णा चौहान, अशोक श्रीवास्तव, नगनारायण चौबे सहित दर्जनों भक्त शामिल थे।
भक्त प्रह्लाद कथा पर झूमे श्रोता
