थावे महोत्सव के दूसरे दिन मंगलवार को स्थानीय कलाकारों को मंच मिला, जिससे उनमें उत्साह और खुशी की लहर दौड़ गई। कार्यक्रम की शुरुआत कोषागार पदाधिकारी शशिकांत आर्य के गीत “जमीन गा रहा है, आसमां गा रहा है, साथ में सारा जहां गा रहा है” से हुई।
इसके बाद एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया।
स्थानीय कलाकार आशीष कुमार ने “राम जी की निकली सवारी, राम जी की लीला है न्यारी” गीत गाकर माहौल भक्तिमय बना दिया। आराध्या कुमारी ने भावनृत्य “फेरो न नजर से नजरिया” प्रस्तुत किया, जिसे खूब सराहा गया।
निरंजन निराला और मनीषा राज की जुगल प्रस्तुति “मैं परदेशी पहली बार आया हूँ, मैया दर्शन करने तेरे दरबार आया हूँ” भावपूर्ण रही।
बरौली की विप्रा चौबे ने कथक नृत्य से सबका मन मोहा, वहीं एस.एस. डांस एकेडमी, गोपालगंज ने लोकनृत्य की दमदार प्रस्तुति दी।
दिघवा दूबौली के नन्हें कलाकार रघु राजा ने सरस्वती वंदना और दहेज प्रथा विरोधी गीत से खूब तालियां बटोरीं।
आर वारियर्स डांस एकेडमी की ओर से समूह नृत्य प्रस्तुत किया गया, जबकि सिवान जिले के पचलखी गांव के धनजी कुमार यादव ने भोजपुरी लोक गीत से रंग जमा दिया।
पूरे कार्यक्रम के दौरान दर्शक लगातार तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का हौसला बढ़ाते रहे। स्थानीय प्रतिभाओं की इस शानदार प्रस्तुति ने थावे महोत्सव को यादगार बना दिया।
थावे महोत्सव में स्थानीय कलाकारों ने मचाया धमाल
