“देवरिया के पड़ियापार गांव में आयोजित जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गुस्सा समाजवादी पार्टी पर इस कदर फूटा कि उन्होंने सपा नेताओं के बयानों की तुलना सीधे पाकिस्तान के प्रवक्ताओं से कर दी।”
“सीएम योगी ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का हवाला देते हुए कहा – ‘जब देश पर आतंकी हमला होता है, तब सपा नेताओं के ऐसे बयान आते हैं कि फर्क करना मुश्किल हो जाता है – ये कोई समाजवादी नेता बोल रहा है या पाकिस्तान का प्रवक्ता।'”
“मुख्यमंत्री ने जनसभा में बताया कि पहलगाम हमले में कानपुर का एक परिवार भी प्रभावित हुआ, जहां शुभम द्विवेदी नाम के युवक की दर्दनाक मौत हो गई। लेकिन जब इस पर सपा अध्यक्ष से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने यह कहकर खुद को अलग कर लिया कि वो व्यक्ति उनकी पार्टी का नहीं था। इस पर सीएम योगी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा – ‘यह बयान न सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि शर्मनाक भी। जब बात देश के नागरिकों की जान की हो, तो राजनीति से ऊपर उठकर संवेदना होनी चाहिए – लेकिन यहां तो संवेदना भी दलगत हो गई है।'”
सीएम योगी ने सपा महासचिव के उस विवादित बयान पर भी सीधा वार किया, जिसमें कहा गया था – ‘हिंदू ने ही हिंदू को मारा।’ उन्होंने इस पर तीखा तंज कसते हुए कहा – ‘क्या समाजवादी पार्टी अब पाकिस्तान को पाक-साफ साबित करने की कोशिश कर रही है? क्या ये आतंकियों को बचाने की नई सियासी चाल है?’
सभा में मौजूद भीड़ की ओर रुख करते हुए मुख्यमंत्री ने राष्ट्रवाद का राग छेड़ते हुए कहा – ‘आज पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है।’ और फिर अपने चिर-परिचित अंदाज़ में चेतावनी देते हुए बोले – ‘जो थोड़े-बहुत सिर उठाने की कोशिश कर रहे हैं, उनके भी जहन्नुम में जाने के दिन अब दूर नहीं हैं।'”
सीएम योगी का यह आक्रामक तेवर और तीखा लहजा इस बात का साफ संकेत है कि आगामी चुनावों में आतंकवाद, तुष्टीकरण और राष्ट्रवाद जैसे मुद्दे एक बार फिर बीजेपी के एजेंडे के केंद्र में होंगे।”
“जनसभा में सीएम योगी की सख़्त ज़ुबान और तल्ख़ अंदाज़ ये साफ़ बता गया कि चुनावी रण में एक बार फिर राष्ट्रवाद, आतंकवाद के खिलाफ सख्ती और तुष्टीकरण की राजनीति बड़े मुद्दे बनने जा रहे हैं।”