पटना में बीपीएससी अभ्यर्थियों पर पुलिस लाठीचार्ज और वॉटर कैनन के बाद गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। सोमवार को भाकपा माले और अन्य संगठनों ने बिहार के विभिन्न इलाकों में विरोध प्रदर्शन किया। भोरे प्रखंड में भाकपा माले नेता जितेंद्र पासवान के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। पुतला दहन और सड़क जाम के चलते वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। पासवान ने बीपीएससी परीक्षा के पेपर लीक और अनियमितताओं को लेकर सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, “सरकार न सिर्फ बहरी बनी रही, बल्कि न्याय मांग रहे छात्रों पर बर्बर लाठीचार्ज किया। बिहार शिक्षा माफियाओं के गिरफ्त में है।”
गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के खिलाफ भोरे में वाम दलों ने विरोध दिवस मनाया। “संविधान विरोधी एक देश, एक चुनाव” बिल को लेकर नारेबाजी और पुतला दहन किया गया। विरोध प्रदर्शन में वाम दलों ने अमित शाह के इस्तीफे की मांग की। नेताओं ने कहा कि भाजपा संविधान को खत्म कर “मनुस्मृति” को लागू करना चाहती है, लेकिन देश के लोग संविधान पर किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
सभा को संबोधित करते हुए माले नेताओं ने कहा, “मोदी सरकार संविधान और लोकतंत्र को कुचलने के लिए हर दिन नई साजिश रचती है। एक देश, एक चुनाव, संघीय ढांचे पर सीधा हमला है। यह लोकतंत्र और देश के साथ धोखा है।”
इस प्रदर्शन ने यह साफ कर दिया कि बिहार में छात्रों और विपक्षी दलों का गुस्सा थमने वाला नहीं है। सरकार को जनता की नाराजगी का जवाब देना ही होगा।
भाकपा माले का लाठीचार्ज के खिलाफ बिहार भर में उग्र प्रदर्शन, अमित शाह का पुतला फूंका
