सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने जिला कारागार का औचक निरीक्षण किया, दिए विशेष निर्देश

देवरिया। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं अपर जिला जज मनोज कुमार तिवारी ने जिला कारागार का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का उद्देश्य सर्वोच्च न्यायालय के रिट याचिका (सिविल) संख्या-1404/2023, सुकन्या शांथा बनाम भारत संघ व अन्य में पारित आदेश के अनुपालन की समीक्षा करना था।

निरीक्षण के दौरान सचिव ने कारागार के अभिलेखों का अवलोकन किया और विभिन्न बैरकों में बंदियों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। बंदियों ने बताया कि उनके साथ जाति, धर्म, लिंग या विकलांगता के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। कारागार के चिकित्सालय और पाकशाला की जांच में भी पाया गया कि किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं हो रहा है।

सचिव ने विचाराधीन और सिद्ध दोष बंदियों से संबंधित प्रपत्रों का निरीक्षण किया, जिसमें बंदियों की जाति और धर्म का उल्लेख नहीं पाया गया। उन्होंने जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश का भविष्य में भी कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।

इस औचक निरीक्षण से कारागार प्रशासन को यह संदेश गया है कि बंदियों के अधिकारों की सुरक्षा और न्यायालय के आदेशों का पालन सर्वोपरि है।

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