देवरिया: पुलिस लाइन देवरिया के प्रेक्षा गृह में विशेष किशोर पुलिस इकाई (एसजेपीयू) की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता संरक्षण अधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई, जय प्रकाश तिवारी ने की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पर चर्चा करना था।
बैठक में बाल भिक्षावृत्ति कानून, बाल भिक्षावृत्ति निवारण अधिनियम-1958 और किशोर न्याय अधिनियम-2015 की जानकारी दी गई। तिवारी ने बताया कि बाल भिक्षावृत्ति एक अपराध है, जिसे संगठित गिरोह या व्यक्तियों द्वारा भी कराया जाता है। शहर के मुख्य चौराहों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और मंदिरों के पास यह समस्या आमतौर पर देखी जाती है। इसे रोकने के लिए सरकार द्वारा व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं और अपराधियों पर दंडात्मक कार्रवाई का भी प्रावधान है।
बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त कराए गए बच्चों को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष प्रस्तुत कर उनके संरक्षण और पुनर्वास की प्रक्रिया अपनाई जाती है। बैठक में मंत्री सिंह, सदस्य बाल कल्याण समिति ने बाल संरक्षण से जुड़े कार्यों की जानकारी दी।
प्रभारी निरीक्षक थाना एएचटीयू राकेश सिंह ने बाल भिक्षावृत्ति एसओपी पर चर्चा की।
श्रम विभाग के प्रतिनिधि दिनेश कुमार ने बाल श्रम और श्रम कानूनों पर प्रकाश डाला।
अनिल कुमार सोनकर, जिला परिवीक्षा अधिकारी और अनिल कुमार यादव, उपनिरीक्षक ने बाल संरक्षण संबंधी विषयों पर जानकारी दी।
नीतू भारती (प्रबंधक) एवं मीनू जायसवाल (मनोवैज्ञानिक, वन स्टॉप सेंटर) ने महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा और पुनर्वास पर चर्चा की।
अमित उपाध्याय (केस वर्कर, चाइल्ड हेल्पलाइन), अमितेष यादव (ओआरडब्ल्यू, जिला बाल संरक्षण इकाई), आकाश सिंह कुशवाहा (आरक्षी थाना एएचटीयू) सहित सभी थानों के नामित बाल कल्याण पुलिस अधिकारी बैठक में मौजूद रहे।
बैठक में सरकारी एजेंसियों और पुलिस प्रशासन ने मिलकर बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम और बच्चों के पुनर्वास पर विशेष रणनीति बनाने पर बल दिया।