गोपालगंज जिले के मांझागढ़ प्रखंड अंतर्गत डुमरिया गौसिया महुआ टोला स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 173 की सेविका रीना देवी की हार्ट अटैक से मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि विभागीय दबाव के कारण रीना देवी मानसिक तनाव में थीं, जिसके चलते उनकी तबीयत बिगड़ी और अंततः सोमवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया। मृतका की बेटी किरण देवी ने बताया कि विभाग की ओर से बार-बार मोबाइल पर कॉल कर आंगनबाड़ी लाभुकों और बच्चों का शत-प्रतिशत ‘आभा कार्ड’ बनाने और पोषण ट्रैकर के एफआरएस सिस्टम के माध्यम से टीएचआर दर्ज करने का दबाव डाला जा रहा था। साथ ही कार्य पूरा नहीं होने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी जा रही थी।
किरण देवी के अनुसार, पुराना मोबाइल, नेटवर्क की समस्या, और लाभुकों के घर से केंद्र तक न आने जैसी कई व्यावहारिक अड़चनें थीं, जिससे काम पूरा नहीं हो पा रहा था। बावजूद इसके, विभाग की तरफ से लगातार दबाव बनाया जा रहा था, जिससे रीना देवी तनाव में आ गईं और उन्हें दिल का दौरा पड़ा। परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि सरकार एक तरफ महिला सशक्तिकरण की बात करती है, वहीं दूसरी ओर आंगनबाड़ी सेविकाओं को अत्यधिक काम का बोझ देकर मानसिक रूप से शोषित किया जा रहा है। मौके पर दर्जनों सेविकाएं और ग्रामीण रीना देवी के घर पहुंचे और गहरी संवेदना प्रकट करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
विभागीय दबाव से सेविका की मौत का आरोप
