गोपालगंज को मिला एलिवेटेड कॉरिडोर का तोहफा, श्रेय को लेकर मचा सियासी संग्राम

गोपालगंज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विक्रमगंज से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 2.75 किलोमीटर लंबे, चार-लेन वाले एलिवेटेड कॉरिडोर का उद्घाटन किया, जिसे मात्र दो वर्षों के रिकॉर्ड समय में 184.90 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इस परियोजना के पूरा होने के साथ ही, इसके श्रेय को लेकर राजनीतिक गलियारों में होड़ मच गई है।
दरअसल भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद और जनता दल यूनाइटेड के वर्तमान सांसद, दोनों ही इस उपलब्धि का श्रेय अपने-अपने प्रयासों को दे रहे हैं। भाजपा के पूर्व सांसद और वर्तमान अनुसूचित जाति जनजाति विभाग के मंत्री दावा कर रहे हैं कि यह परियोजना उनके कार्यकाल के दौरान शुरू हुई थी और उनके अथक प्रयासों का ही परिणाम है। वे इस बात पर जोर दे रहे हैं कि उन्होंने ही केंद्र सरकार से इसके लिए स्वीकृति दिलवाई थी।
वहीं, जदयू के वर्तमान सांसद डॉक्टर आलोक कुमार सुमन का कहना है कि उन्होंने ही इस परियोजना को गति दी और यह सुनिश्चित किया कि इसका कार्य समय पर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा हो। वे तर्क दे रहे हैं कि उनके निरंतर फॉलो-अप और राज्य सरकार के साथ समन्वय ने ही इस कॉरिडोर को वास्तविकता में बदला है।
यह श्रेय लेने की होड़ स्थानीय राजनीति में गरमाहट ला रही है, क्योंकि दोनों ही दल आगामी चुनावों में इस विकास परियोजना को अपनी उपलब्धि के रूप में भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन जनता के लिए यह एलिवेटेड कॉरिडोर निश्चित रूप से यातायात को सुगम बनाएगा और यात्रा के समय को कम करेगा। फिलहाल यह कॉरिडोर गोपालगंज शहर के लोगों को भीषण जाम से निजात दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह अत्याधुनिक कॉरिडोर राष्ट्रीय राजमार्ग 27 (NH 27) पर बनाया गया है, जो गुवाहाटी से दिल्ली को जोड़ता है। NH 27 पर यातायात का भारी दबाव रहता है, विशेषकर गोपालगंज शहर के भीतर, जहाँ अक्सर घंटों तक जाम की स्थिति बनी रहती थी। नए ईस्ट एंड वेस्ट कॉरिडोर के निर्माण से अब इस मुख्य मार्ग पर यातायात का प्रवाह सुगम हो जाएगा, जिससे यात्रियों के समय और ईंधन दोनों की बचत होगी।
इस कॉरिडोर में कई फ्लाईओवर और अंडरपास शामिल हैं, जो शहर के विभिन्न हिस्सों से यातायात को अलग करते हुए निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करेंगे। यह परियोजना न केवल स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि NH 27 से गुजरने वाले लंबी दूरी के यात्रियों के लिए भी एक बड़ी राहत है। सुगम यातायात प्रवाह से व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि माल ढुलाई अब अधिक तेजी से और कुशलता से हो सकेगी। इस संदर्भ में पूर्व सांसद व अनुसूचित जाति जनजाति विभाग के मंत्री जनक राम ने कहा कि भाजपा के पूर्व मंत्री स्व सुभाष सिंह, प्रदेश के महामंत्री मिथलेश तिवारी और एनडीए के सभी घटक दल के नेता और मै उस समय सांसद हुआ करता था गडकरी साहब से मिलकर के यह बात रखा गया।और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में स्वीकार हुआ। और आज यह इक्वेटेड कॉरिडोर बनकर तैयार गोपालगंज जिला वाशियो के लिए सौगात के रूप में मिला है। वही पूर्व मंत्री स्व सुभाष सिंह के बेटा अनिकेत सिंह ने कहा कि मेरे पिता जी के इस प्रोजेक्ट के लिए काफी संघर्ष किया था। आज वे शायद होते तो उनकी खुशी चारगुणा होती की मेरे संघर्ष के बदौलत जिले वासी इस एलिवेटेड कॉरिडोर का इस्तेमाल करेंगे।जबकि सांसद डॉक्टर आलोक कुमार सुमन ने कहा कि दस दिन के अंदर दो योजनाओ का उदघाटन हुआ है। दोनों योजना मेरे प्रयास का फल था। भारत सरकार ने हमारे प्रधानमंत्री जी ने पहला थावे जक्शन को मॉडल स्टेशन के रूप में विकसित हुआ और दूसरा 10 दिन बाद एलिवेटेड कॉरिडोर की सौगात मिली। 16 -17 वर्षों से लंबित पड़ा था। जिसके लिए मैं संसद जाते ही सवाल उठाना शुरू किया। अपने मुख्यमंत्री से दिशा निर्देश लेकर विभागीय मंत्री से मिला। संसद में सवाल उठाया। प्रधानमंत्री जी से भी मुलाकात की और उन्होंने इसकी स्वीकृति दी। 2020 में स्वीकृति मिली। दुर्भाग्यवश किसी ने तीनों बार में टेंडर नहीं डाला। फिर मैने नितिन गडकरी साहब से मिला और अनुरोध किया कि अपने स्तर से इसकी टेंडर कराई जाए और वहां से टेंडर डलवाई गई। पहले इसका टेंडर हुआ और आज यह बनकर तैयार है।

 

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