यह बात मैं इसलिए कह रहा हूं कि अगर आपके गांव में आपके नाम का अगर दूसरा कोई व्यक्ति रहता है और उसके ऊपर कोई केस है या किसी मामले में दोषी है तो इस स्थिति में आपको और किसी से डर हो या ना हो लेकिन बिहार की पुलिस से आपको जरूर डरना पड़ेगा..
नहीं तो आपकी कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है आपको लाकर थाने में एक अपराधी की तरह आपके साथ व्यवहार हो सकता है आपको हाजत में बंद कर दिया जाएगा बात यहीं तक नहीं रुकेगा आपके नाम से कमान काटकर एक अपराधी के तरह आपके हाथ में हथकड़ी लगाकर न्यायीक हिरासत में भेज दिया जाएगा।
आप चाहे जितना भी अपने आप को निर्दोष साबित करें या फिर आपके परिजन पुलिस को यह बात चाहे जितना भी बताएं कि आप निर्दोष हैं लेकिन आपकी एक भी बात बिहार सरकार की पुलिस नहीं सुनेगी।
बिहार सरकार की पुलिस के साथ-साथ किसी भी व्यक्ति के पहचान की जिमवारी स्थानीय चौकीदार के कंधे पर होती है लेकिन आश्चर्य तो यह है कि जिस व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार करके तकरीबन 18 घंटों तक हाजत में बंद रखा हथकड़ी लगाकर न्यायालय में भेज दिया उस व्यक्ति को चौकीदार भी नहीं पहचान पाया कि दरअसल में यह व्यक्ति वह नहीं है जिसको गिरफ्तार करना है।
पुलिस का यह कारनामा बिहार के गोपालगंज जिला के सिधवलिया थाना से सामने आया है जहां पर पुलिस थाना क्षेत्र के हसनपुर गांव में एनबीडबल्यू के एक वारंटी सुरेंद्र यादव पिता घरभरन यादव को गिरफ्तार करने गई थी, लेकिन बिहार सरकार की पुलिस कोर्ट के द्वारा जारी किया गया वारंट पर आरोपी के नाम और उसके पिता के नाम का मिलान किए बिना उसी गांव के सुरेंद्र यादव पिता इंद्रासन यादव को गिरफ्तार करके अपने साथ लाई और पूरे रात हाजत में बंद कर के रखी इस बात की पुष्टि खुद निर्दोष गिरफ्तार सुरेंद्र यादव पिता इंद्रासन यादव ने की। गिरफ्तार करीब 66 वर्षीय वृद्ध सुरेंद्र यादव अपने आप को निर्दोष साबित करने के लिए लाख कोशिश कीये लेकिन बिहार की तेज तरार पुलिस ने उनकी एक भी नहीं सुनि।डंडे का भय दिखा कर आवाजों को दबा दिया गया 18 घंटे बाद उनको चौकीदार के साथ कमान काटकर न्यायालय में भेज दिया।पर शूकर है कि अदालत ने इस पूरे मामले का संज्ञान लिया और गिरफ्तार व्यक्ति से उसके आधार कार्ड और वारंट से मिलान करने की बात कही तब जाकर 66 वर्षीय वृद्ध गिरफ्तार सुरेंद्र यादव को राहत मिली न्यायालय ने पुलिस को भी फटकार लगाई है लेकिन अब देखने वाली बात यह है कि इतने गैर जिम्मेदार पुलिस के ऊपर गोपालगंज पुलिस अधीक्षक कोई कार्रवाई करते हैं या फिर इस मामले को एक छोटी सी भूल बता कर लीपा पोती कर दी जाती है।।
इस पूरी घटना के बारे में जब पीड़ित सुरेंद्र यादव से बात किया गया तो जरा आप भी सुनिए की उनके द्वारा इस पूरे घटना के बारे में क्या बताया गया।।