गोपालगंज जिले के मांझागढ़ प्रखंड के धामापाकड़ गांव में निजी स्कूल संचालक जिला प्रशासन के आदेश को ठेंगा दिखाकर बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं। जिलाधिकारी प्रशांत कुमार सीएच ने कड़ाके की ठंड को देखते हुए 18 जनवरी तक सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया था, लेकिन निजी स्कूलों में इस आदेश का खुला उल्लंघन जारी है।
धामापाकड़ गांव के चार निजी स्कूलों में बच्चों को नियमित रूप से बुलाकर पढ़ाई कराई जा रही है। संचालकों से बात करने पर किसी ने कहा कि उन्हें आदेश की जानकारी नहीं मिली, तो किसी ने 26 जनवरी की रिहर्सल का बहाना बनाया। एक संचालक ने तो साफ कह दिया, “यह मेरी मर्जी है।”
यह पहला मामला नहीं है जब निजी स्कूलों की मनमानी सामने आई हो। अक्सर एडमिशन और बुक्स के नाम पर अतिरिक्त शुल्क वसूला जाता है। सुविधा के नाम पर खानापूर्ति करने वाले ये स्कूल अब बच्चों की सुरक्षा को भी नजरअंदाज कर रहे हैं।
कड़ाके की ठंड से बिहार के कई जिलों में जनजीवन प्रभावित है। डीएम के आदेश बच्चों को ठंड से बचाने के लिए जारी किए गए थे। अब देखना यह है कि प्रशासन इन स्कूलों पर क्या कदम उठाता है। क्या बच्चों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कार्रवाई होगी, या यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा?
शहर के लोग प्रशासन की ओर देख रहे हैं, और बच्चों की भलाई के लिए सख्त कदमों की उम्मीद कर रहे हैं।
निजी स्कूलों की मनमानी, डीएम के आदेश को किया अनदेखा
