गोपालगंज में मुहर्रम के मौके पर आस्था और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिला।
जिलेभर में शान-ओ-शौकत के साथ ताजिया जुलूस निकाले गए। ढोल-नगाड़ों की थाप और पारंपरिक शस्त्रों के शौर्य प्रदर्शन ने माहौल को पूरी तरह भावनात्मक और उत्सवी बना दिया।
लोग सड़कों पर उमड़ पड़े और युवाओं ने लाठी-डंडों से वीरता का प्रदर्शन कर सबका ध्यान खींचा।
जुलूस शहर के मुख्य मार्गों से गुजरते हुए इमामबाड़ों और ब्लॉक परिसर की ओर बढ़े।
नगर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक हर जगह एक उत्सव जैसा वातावरण बन गया था।
लोग घरों की छतों और सड़कों पर खड़े होकर श्रद्धा और उत्साह के साथ जुलूस का स्वागत करते दिखे।
शांति और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में नजर आया।
प्रत्येक चौक-चौराहे पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे।
भीड़ को नियंत्रित करने और जुलूस को सुचारू रूप से निकालने के लिए पुलिस-प्रशासन ने पूर्ण तैयारी की थी।
पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित ने सुरक्षा को लेकर बड़ी बात कही।
उन्होंने बताया कि जिले में मुहर्रम के अवसर पर वृहद स्तर पर इंतजाम किए गए हैं।
सभी थाना क्षेत्रों में फ्लैग मार्च कराया गया ताकि शांति का संदेश लोगों तक पहुंचे और किसी तरह की अफवाह या अफरा-तफरी से बचा जा सके।
इस बार का आयोजन पूरे जिले के लिए मिसाल बना।
परंपरा, श्रद्धा, उत्सव और अनुशासन – चारों का अद्भुत संयोजन देखने को मिला।
लोगों में आपसी सहयोग और भाईचारे की भावना स्पष्ट नजर आई, जिससे आयोजन पूरी तरह शांतिपूर्ण और सफल रहा।