गोपालगंज संवाददाता: आशुतोष तिवारी
गोपालगंज। जिले के कुचायकोट थाना परिसर में सोमवार को एक अद्भुत नजारा देखने को मिला। थानेदार दर्पण सुमन और पूर्व थानेदार आलोक कुमार मुख्य जजमान की भूमिका में नज़र आए, जबकि अन्य पुलिसकर्मी अपनी खाकी वर्दी छोड़कर पारंपरिक पीली धोती पहनकर माता सती की वार्षिक पूजा-अर्चना में शामिल हुए।
यह आयोजन श्रावण माह की पूर्णिमा पर हर साल धूमधाम से होता है और वर्षों पुरानी परंपरा को जीवित रखता है। इस वर्ष डीएम पवन कुमार सिन्हा और एसपी अवधेश दीक्षित ने फीता काटकर पूजा का उद्घाटन किया। मंच पर गायक चंदन यादव और निशा दुबे ने अपनी प्रस्तुति से उपस्थित लोगों का दिल जीत लिया।
अनूठी परंपरा का केंद्र
कुचायकोट थाना सिर्फ कानून-व्यवस्था का केंद्र नहीं, बल्कि सदियों पुरानी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक भी है। यहां हर साल सावन पूर्णिमा के दिन थाना परिसर मंदिर जैसा सजा दिया जाता है। परंपरा के अनुसार थानेदार मुख्य जजमान बनते हैं और सभी पुलिसकर्मी भी पूरी आस्था के साथ पीली धोती पहनकर पूजा में शामिल होते हैं।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
इस परंपरा के पीछे एक 156 साल पुरानी कहानी है। बताया जाता है कि वर्ष 1865 में कुचायकोट के निवासी कवल यादव की पत्नी दही बेचने के लिए गांव से बाहर गई थीं। उसी दौरान कवल यादव की अचानक मृत्यु हो गई। अंतिम संस्कार की तैयारी के बावजूद उनकी चिता में आग नहीं लगी। पत्नी जब लौटीं तो वे अपने पति के शव को गोद में लेकर चिता पर बैठ गईं, और तभी चिता स्वतः जल उठी। यह घटना सावन पूर्णिमा के दिन हुई थी।
किवदंती है कि उसी स्थल पर वर्तमान थाना भवन का निर्माण हुआ और तब से यहां माता सती की पूजा का आयोजन पुलिस और स्थानीय लोग मिलकर करते आ रहे हैं।
सांस्कृतिक और सामाजिक जुड़ाव
यह आयोजन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का प्रतीक है। पुलिसकर्मी स्वयं तैयारी से लेकर प्रसाद वितरण और भंडारा तक का कार्य संभालते हैं। उनका मानना है कि मां सती की कृपा से थाने में तैनात सभी पुलिसकर्मी सुरक्षित रहते हैं और क्षेत्र में शांति बनी रहती है।
खास बातें
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मुख्य जजमान: थानेदार दर्पण सुमन, पूर्व थानेदार आलोक कुमार
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मुख्य अतिथि: डीएम पवन कुमार सिन्हा, एसपी अवधेश दीक्षित
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सांस्कृतिक प्रस्तुति: चंदन यादव, निशा दुबे
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विशेष पोशाक: सभी पुलिसकर्मी पीली धोती में
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आयोजन का दिन: सावन पूर्णिमा