देवरिया में आईजीआरएस मामलों का सतही निस्तारण बर्दाश्त नहीं: एडीएम प्रशासन

देवरिया (सू0वि0)। विकास भवन के गांधी सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) एवं आईजीआरएस के जनपदीय नोडल अधिकारी श्री गौरव श्रीवास्तव ने आईजीआरएस प्रकरणों के गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध निस्तारण हेतु जनपद स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए। जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल के निर्देशों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी आईजीआरएस मामले के डिफॉल्ट होने पर संबंधित विभाग के उत्तरदायी अधिकारी का वेतन रोका जाएगा और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

एडीएम प्रशासन ने कहा कि सभी अधिकारी अपने स्तर पर प्रकरणों की आख्या को स्वयं पढ़ें और आवेदक को वास्तविक स्थिति से अवगत कराएं। यदि किसी विभाग में आईजीआरएस मामले अधिक असंतुष्ट फीडबैक के साथ डिफॉल्ट होंगे, तो संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने जनसुनवाई पोर्टल पर मुख्यमंत्री संदर्भ, सीएम हेल्पलाइन, ऑनलाइन संदर्भ, मंडलायुक्त संदर्भ, पीजी पोर्टल, संपूर्ण समाधान दिवस, और जिलाधिकारी जनसुनवाई में दर्ज शिकायतों के निस्तारण की गुणवत्ता पर जोर दिया।

एडीएम ने विशेष रूप से विद्युत विभाग, विकास विभाग, और भूमि विवाद जैसे संवेदनशील मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि इन मामलों में अक्सर बिना स्थलीय निरीक्षण, फोटोग्राफ और संबंधित पक्ष के बयान लिए बिना समाधान की रिपोर्ट बनाई जाती है, जो अस्वीकार्य है। उन्होंने निर्देश दिया कि जिम्मेदार अधिकारी आईजीआरएस प्रकरणों की आख्या को गंभीरता से स्वयं जांचें और आवेदकों से संवाद कर मामले की पूरी जानकारी प्राप्त करें।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रकरणों का निस्तारण 30 दिन की निर्धारित अवधि के अंतिम चरण में नहीं होना चाहिए, जिससे समाधान का अवसर न बचे। अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि जैसे ही प्रकरण पोर्टल पर प्राप्त हो, उसकी ट्रैकिंग शुरू करें।

समीक्षा बैठक में सीएमओ डॉ. राजेश झा, एसडीएम सदर विपिन द्विवेदी, एसडीएम भाटपाररानी रत्नेश तिवारी, पीडी डीआरडीए अनिल कुमार, डीसी मनरेगा आलोक पांडेय, डीपीआरओ श्रवण कुमार सहित अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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