गोपालगंज में राजद का धरना: आरक्षण सीमा बढ़ाने की मांग

गोपालगंज– शहर के अंबेडकर चौक पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कार्यकर्ताओं ने आरक्षण सीमा को जल्द लागू करने की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना दिया। धरने के दौरान राजद नेताओं ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक आरक्षण की बढ़ी हुई सीमा लागू नहीं की जाती, उनका आंदोलन जारी रहेगा। इसके लिए वे सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करने का संकल्प ले चुके हैं।

धरने का उद्देश्य: राजद के दर्जनों नेता पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत अंबेडकर चौक पर धरने पर बैठे। धरने के बाद, एक प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी प्रशांत कुमार से मुलाकात की और राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में उठाए गए मुद्दे:

  1. संविधान विरोधी कार्यवाहियां: ज्ञापन में कहा गया कि केंद्र और राज्य सरकार संविधान के खिलाफ काम कर रही है। आरोप लगाया गया कि सरकार आरक्षण कोटे को समाप्त करने की कोशिश कर रही है और दलित, बहुजन, एवं अतिपिछड़ों के आरक्षण को खत्म करना चाहती है।
  2. तेजस्वी यादव का योगदान: ज्ञापन में यह भी कहा गया कि जब बिहार में तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री थे, तो उनके प्रयासों से जातिगत सर्वेक्षण हुआ था और आरक्षण सीमा को बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया गया था। लेकिन राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और उच्च न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी। इसके बाद, राजद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
  3. आरएसएस और भाजपा पर आरोप: राजद नेताओं ने आरएसएस और भाजपा पर आरोप लगाया कि वे धर्म के आधार पर वर्गीकरण करके दलितों, बहुजनों, और आदिवासियों को निचले पायदान पर रखना चाहते हैं। राजद ने इसे देश के लिए खतरा बताते हुए कहा कि “यह देश सभी का है और हम एक हैं।”
  4. राजद का संकल्प: राजद ने यह भी स्पष्ट किया कि वे वंचित वर्गों के हक की लड़ाई को आखिरी दम तक जारी रखेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि बिहार में बढ़ी हुई आरक्षण सीमा को जल्द से जल्द लागू किया जाए और इसे नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए।

राजद नेताओं के बयान:

  • पूर्व विधायक रेयाजुल हक राजू ने कहा कि जब राजद की सरकार थी, तब दबाव डालकर आरक्षण सीमा को 65 प्रतिशत तक बढ़वाया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि बाद में भाजपा ने कोर्ट में जाकर इसे खत्म कराने की कोशिश की, जिसका विरोध राजद ने सुप्रीम कोर्ट में किया। राजू ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया, तो वे सड़क से लेकर सदन तक उग्र आंदोलन करेंगे।
  • राजद नेता मोहन गुप्ता ने कहा कि जिस हिसाब से हमारी आबादी है, हमें उतने ही आरक्षण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बिहार में दलित, वंचित और अतिपिछड़े वर्गों की आबादी 88 प्रतिशत है, और इस हिसाब से आरक्षण सीमा को 65 प्रतिशत से बढ़ाकर कम से कम 75 प्रतिशत किया जाना चाहिए।

आंदोलन की भविष्यवाणी: राजद नेताओं ने कहा कि उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक बिहार में आरक्षण सीमा बढ़ाकर लागू नहीं की जाती और केंद्र सरकार इसे नौवीं अनुसूची में शामिल नहीं करती।

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