मांझागढ़ (गोपालगंज) : सरकार द्वारा भूमि सर्वे का कार्य तो आरंभ कर दिया गया है, लेकिन रिकॉर्ड पंजी और रजिस्टर-2 के फटे पन्नों को दुरुस्त किए बिना सर्वे कार्य जारी रहने से भूमिधारकों की परेशानियां बढ़ गई हैं।
कई खातियान के पन्ने गायब या फटे हुए हैं, जिससे खातियान की नकल निकालने में परेशानी हो रही है।भूमि धारक महीनों से रिकॉर्ड कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन खातियान की नकल प्राप्त नहीं कर पा रहे।कई भूमि धारकों के जमाबंदी रिकॉर्ड रजिस्टर-2 के फटे पन्नों में दर्ज हैं, जिससे उनके लिए जमाबंदी रिकॉर्ड निकालना मुश्किल हो गया है कई जमाबंदी पूर्वजों के नाम पर दर्ज हैं, जिनकी मृत्यु के बाद बंटवारा नहीं हुआ है।सहमति न होने के कारण एक जमाबंदी में सभी हिस्सेदारों की अलग-अलग रसीद कटाने की सुविधा नहीं है।ऑफलाइन राजस्व रसीद प्रक्रिया समाप्त होने के बाद अब केवल ऑनलाइन रसीद की व्यवस्था है।ऑनलाइन रसीद के लिए सभी बकाया राजस्व का भुगतान आवश्यक है, जिससे बड़ी राशि का भुगतान कई हिस्सेदारों के लिए कठिन हो गया है।इस कारण राजस्व वसूली की गति धीमी पड़ गई है।रिकॉर्ड कार्यालय और रजिस्टर-2 के फटे पन्नों को दुरुस्त कराया जाए। वंशावली के आधार पर जमाबंदी अलग करने की सुविधा दी जाए। पहले की तरह ऑफलाइन रसीद कटाने की प्रक्रिया को पुनः शुरू किया जाए।
भूमिधारकों का कहना है कि जब तक रिकॉर्ड सही नहीं होते, तब तक सर्वे कार्य प्रभावी ढंग से संभव नहीं है। सरकार को चाहिए कि सर्वे से पहले रिकॉर्ड की समस्याओं को हल कर, भूमि धारकों को राहत प्रदान करे।