जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गोपालगंज के तत्वावधान में रविवार को मांझागढ़ प्रखंड के निमुइया पंचायत भवन में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासी अधिकारों, बाल विवाह, पॉक्सो एक्ट, राष्ट्रीय लोक अदालत, और मुफ्त विधिक सहायता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर लोगों को जागरूक करना था।
इस कार्यक्रम में पैनल अधिवक्ता अशोक कुमार और विधि छात्र रवि कुमार की टीम ने आदिवासी समुदाय के अधिकार, नौकरियों में आरक्षण, मुफ्त शिक्षा का अधिकार, और एससी/एसटी एक्ट के तहत उनके संरक्षण के उपायों पर प्रकाश डाला। प्रतिभागियों को मुफ्त विधिक सहायता प्राप्त करने और वादों में मुफ्त अधिवक्ता की उपलब्धता के तरीकों की जानकारी दी गई।
टीम ने आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत (8 मार्च 2025) में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों को प्रेरित किया। बताया गया कि बैंक ऋण, पारिवारिक विवाद, ग्राम कचहरी में लंबित वाद, श्रम वाद, और अन्य सुलहनिय मामलों का निपटारा सुलह-समझौते के माध्यम से किया जाएगा। वादों को चिन्हित कराने और प्रक्रिया में शामिल होने के लिए प्रतिभागियों को न्यायालय या लोक अदालत कार्यालय से संपर्क करने का निर्देश दिया गया।
कार्यक्रम में हैंडबिल भी वितरित किए गए, जिनमें जिला विधिक सेवा प्राधिकार और केंद्र-राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में निमुइया पंचायत के सरपंच, वार्ड सदस्य, पंच, और बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए।
यह जागरूकता अभियान न केवल लोगों को उनके कानूनी अधिकारों से अवगत कराने का प्रयास था, बल्कि समाज को न्याय और समानता की दिशा में प्रेरित करने वाला कदम भी साबित हुआ।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार का जागरूकता अभियान: अधिकारों की जानकारी से सशक्त समाज की ओर
