बुधवार को स्थानीय पुलिस प्रशासन के निर्देशानुसार माँ सरस्वती पूजा समितियों ने बाजे-गाजे के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन किया। साउंड बॉक्स पर बज रहे गीतों की धुन पर नवयुवक झूमते दिखे और एक-दूसरे को अबीर लगाकर जश्न मनाते रहे।
धार्मिक मान्यता के अनुसार मंगलवार को देवी की प्रतिमा का विसर्जन नहीं किया जाता। लेकिन प्रशासनिक दबाव के चलते कुछ पूजा समितियों ने मंगलवार को ही विसर्जन कर दिया था। हालाँकि, अधिकांश लोगों ने परंपरा का पालन करते हुए बुधवार को धूमधाम से विसर्जन किया। समाचार लिखे जाने तक कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।