उचकागांव (गोपालगंज) थाना क्षेत्र के त्रिलोकपुर गांव में पुलिस ने छापेमारी कर उत्तर प्रदेश के 10 बेरोजगारों से आठ लाख 45 हजार रुपये की ठगी करने के आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जिसे रविवार के दिन न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
थाने के दरोगा संजय कुमार सिंह को सूचना मिली कि उत्तर प्रदेश के 10 बेरोजगार युवकों को केन्या में रोजगार दिलाने के नाम पर आठ लाख 45 हजार रुपये की ठगी करने का आरोपित अपने घर पर आया हुआ है। सूचना के आधार पर पुलिस ने मौके पहुंच कर छापेमारी कर फरार चल रहे आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। जिसकी पहचान थाना क्षेत्र के त्रिलोकपुर गांव के रंजन कुमार सिंह उर्फ मुकेश रावत के रूप में की गई है। उसके पास से पुलिस ने विदेश भेजने के लिए प्रचार करने में प्रयोग करने वाला लगभग एक हजार पंपलेट की प्रति व फर्जी पता लिखा हुआ आधार कार्ड बरामद हुआ है।मामला सामने आया है। मामले में उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के पटहेरवा थाना क्षेत्र के नौगांवा गांव निवासी इंद्रजीत गुप्ता के आवेदन पर गिरफ्तार आरोपित के अलावा भोरे थाना क्षेत्र के सिसई गांव के सुभाष सिंह और अमित राज के विरुद्ध दो माह पहले प्राथमिकी कराई गई थी। अपने आवेदन में पीड़ित ने आरोप लगाया है कि वह नवंबर 2024 में तमकुही राज बाजार में घूमने गए हुए थे। इसी दौरान उन्हें बाजार में केन्या देश भेजने के लिए प्रचार कर रहे वाहन से पंपलेट मिला था। जिसकी चर्चा उन्होंने अपने दोस्तों से की थी। इसके बाद इंद्रजीत कुमार अपने 10 दोस्तों के साथ पंपलेट पर लिखे मोबाइल नंबर के आधार पर संपर्क किए। जिसमें मोबाइल रिसीव करने वाले व्यक्ति ने अपने ऑफिस का पता दिल्ली स्थित आनंद विहार में बताते हुए पहले गोरखपुर मेडिकल कॉलेज से मेडिकल करा कर कंपनी के पते पर भेजने के लिए कहा था। इसके बाद सभी युवको ने मेडिकल की प्रति कंपनी के पते पर भेज दी थी। इसके बाद कुछ लोगों ने युवको के पास फोन कर मिलने के लिए उचकागांव थाना क्षेत्र के त्रिलोकपुर गांव में बुलाया था। जहां पहले से तीन युवक उपस्थित थे। इसके बाद उपस्थित लोगों ने रोजगार के लिए पहुंचे युवाओं से केन्या भेजने के नाम पर प्रति व्यक्ति अस्सी हजार रुपये की मांग की। वहीं पूरा पैसा देने के बाद ही वीजा और फ्लाइट का टिकट देने की बात बताई।इसके बाद युवको ने उक्त लोगों को एक लाख दस हजार रुपये नगद व दो अलग-अलग किस्तों में खाते पर कुल आठ लाख 45 हजार रुपये की राशि खाते पर भेज दी थी। जिसके बाद उक्त लोगों द्वारा दिए गए टिकट व वीजा लेकर फ्लाइट के निर्धारित तिथि पर एयरपोर्ट पहुंचने पर पाया गया कि उनके फ्लाइट का टिकट कैंसिल कर दिया गया है। वही वीजा की जांच कराने पर वह भी फर्जी पाया गया।इसके बाद पीड़ितों ने आरोपितों के मोबाइल नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया तो आरोपितों का मोबाइल बंद पाया गया। इसके बाद मामले में पीड़ित इंद्रजीत गुप्ता के आवेदन पर उचकागांव थाना में तीन लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी कराई गई थी। तभी से सभी आरोपित फरार चल रहे थे।