देवरिया: जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा निराश्रित गोवंशों के संरक्षण के प्रति पूरी प्रतिबद्धता दिखाई जा रही है। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए 07 से 14 दिसंबर 2024 तक “विशेष निराश्रित गोवंश संरक्षण अभियान” चलाया जाएगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य निराश्रित गोवंशों का शत-प्रतिशत संरक्षण सुनिश्चित करना है।
- प्राथमिकता वाले क्षेत्र: इस अभियान में राष्ट्रीय राजमार्ग, शहरी क्षेत्र, मंडियां, सब्जी बाजार और आवासीय क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर निराश्रित गोवंश से मुक्त किया जाएगा।
- नोडल अधिकारियों की नियुक्ति: प्रत्येक न्याय पंचायत में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।
- ग्राम पंचायत: ग्रामीण क्षेत्रों में खंड विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा, और शहरी क्षेत्रों में अधिशासी अधिकारी जिम्मेदारी संभालेंगे।
- टीम गठन: प्रत्येक नोडल अधिकारी के तहत एक टीम का गठन किया जाएगा, जिसमें पंचायत सचिव, पंचायत मित्र, पशुधन प्रसार अधिकारी, और अन्य स्थानीय कर्मचारी शामिल होंगे। यह टीम पशु चिकित्साधिकारी या खंड विकास अधिकारी के मार्गदर्शन में कार्य करेगी।
- गोवंश की टैगिंग और संरक्षण: निराश्रित गोवंशों को उनके हॉटस्पॉट क्षेत्रों से पकड़कर निकटतम गो आश्रय स्थल पर ले जाया जाएगा, जहां उनकी टैगिंग की जाएगी और संबंधित जानकारी गो आश्रय पोर्टल पर अपलोड की जाएगी।
- गोवंश का संरक्षण: अब तक 26 गोवंश संरक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं, और 3709 गोवंश को संरक्षण प्राप्त हो चुका है। अभियान के दौरान और अधिक गोवंशों को संरक्षित किया जाएगा।
- सहयोग: इस पूरे अभियान में ग्राम प्रधानों का सहयोग लिया जाएगा।
डॉ. अश्विनी कुमार सिंह, उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, गोंडा को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। वे 6 दिसंबर तक जनपद में पहुंचकर मुख्य विकास अधिकारी और जिलाधिकारी को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद वे जनपद में न्यूनतम तीन दिन तक स्थलीय भ्रमण करेंगे और अभियान का संचालन सुनिश्चित करेंगे। वे गो आश्रय स्थलों पर उपलब्ध व्यवस्थाओं की समीक्षा करेंगे, जिसमें हरे चारे, गोवंशों की टैगिंग, टीकाकरण और ठंड से बचाव के उपायों का निरीक्षण किया जाएगा
अभियान की समाप्ति के बाद जिलाधिकारी और संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रमाण-पत्र जारी किए जाएंगे, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जनपद के सभी निराश्रित गोवंश संरक्षित कर लिए गए हैं। यह रिपोर्ट शासन को ई-मेल द्वारा प्रेषित की जाएगी।