देवरिया – सदर सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने शनिवार को सीएमओ कार्यालय के धनवंतरि सभागार में आयोजित एक समारोह में 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वर्ष 2025 तक देश से ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) को समाप्त करने का संकल्प पूरा करने में यह अभियान अहम भूमिका निभाएगा।
सांसद ने स्वास्थ्यकर्मियों से अपील की कि वे इस अभियान से जुड़कर इसे सफल बनाने में योगदान दें। उन्होंने निःक्षय मित्रों और टीबी चैंपियन्स को सम्मानित किया और टीबी प्रभावित लाभार्थियों को पोषण पोटली वितरित की। इसके अलावा, उन्होंने निःक्षय वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
सदर सांसद ने बताया कि यह अभियान उन 15 जनपदों में चलाया जा रहा है जहां टीबी से होने वाली मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत (3.6%) के बराबर या उससे अधिक है। अभियान का उद्देश्य नए टीबी मरीजों की पहचान बढ़ाना और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में रोगियों की पहचान में सुधार करना है।
लखनऊ से आए संयुक्त निदेशक डॉ. मुकेश मोदनहेलीया ने 100 दिन के इस सघन अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य टीबी रोगियों की ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और अंतर्विभागीय समन्वय पर विशेष ध्यान केंद्रित करना है, ताकि टीबी की पहचान बढ़ सके और मृत्यु दर को कम किया जा सके।
कार्यक्रम में सीएमओ डॉ. राजेश झा ने कहा कि इस अभियान की सफलता हम सभी के सामूहिक प्रयासों पर निर्भर करती है। उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों, समुदाय के सदस्यों और अन्य लोगों से सक्रिय रूप से इस अभियान में भाग लेने का आह्वान किया। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान टीबी के सक्रिय रोगियों की पहचान और उनके संपर्क में आए व्यक्तियों को जल्दी से पहचानना प्राथमिकता होगी।
टीबी के उच्च जोखिम वाले समूहों में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग, कुपोषित लोग (जिनका बीएमआई 18.5 किग्रा/मीटर² से कम हो), डायबिटीज और एचआईवी रोगी, धूम्रपान और नशा करने वाले लोग, और टीबी मरीजों के संपर्क में रहने वाले लोग शामिल हैं