देवरिया: जिले में सौ दिवसीय सघन टीबी उन्मूलन अभियान के तहत उच्च जोखिम श्रेणी के लाखों संभावित टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग का कार्य तेजी से जारी है। जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में स्थापित इंट्रीगेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर (आईसीसीसी) से टीबी से संबंधित जांच, उपचार और स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी दी जा रही है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा ने बताया कि कुपोषित, मधुमेह रोगी, धूम्रपान करने वाले, और मलिन बस्तियों में रहने वाले लोग टीबी के अधिक जोखिम में हैं। अभियान के दौरान अब तक 65,000 से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की गई है, जिनमें से 365 टीबी मरीजों का चिन्हीकरण कर उनका उपचार शुरू कर दिया गया है।
टीबी मरीजों को सरकार द्वारा निशुल्क इलाज और निक्षय पोषण योजना के तहत प्रति माह ₹1000 की सहायता राशि प्रदान की जा रही है। समाज के प्रभावशाली लोगों और धर्मगुरुओं की मदद से जनजागरूकता बढ़ाने का भी प्रयास किया जा रहा है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि दो सप्ताह से अधिक खांसी, बुखार, रात में पसीना आना, वजन कम होना, और थकान जैसे लक्षणों के साथ तुरंत जांच करानी चाहिए। टीबी का उपचार समय पर कराने से यह पूरी तरह ठीक हो सकती है।