देवरिया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में मानसिक बीमारी और बौद्धिक विकलांगता से जुड़े व्यक्तियों के अधिकारों और सेवाओं को लेकर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश देवेंद्र सिंह ने मॉं सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ किया।
कार्यक्रम के दौरान विधिक सेवा इकाई “मनोन्याय” (एलएमयूएम) के अंतर्गत गठित कमेटी के सदस्यों को मानसिक और बौद्धिक विकलांग व्यक्तियों को उनके अधिकारों और कानूनी सेवाओं के प्रति जागरूक करने पर प्रशिक्षित किया गया। सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मनोज कुमार तिवारी ने कानूनी सेवाओं की योजनाओं और नालसा थीम “नालसा है साथ तुम्हारे” के जरिए जागरूकता फैलाने पर बल दिया।
बाल संरक्षण अधिकारी जय प्रकाश तिवारी ने विकलांगता अधिकार अधिनियम, 2016 और मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 2017 के कानूनी और नीतिगत ढांचे पर प्रकाश डाला। वहीं, जिला मेडिकल कॉलेज के डॉ. अंबू पांडेय ने कानूनी हस्तक्षेप की आवश्यकता और अधिकारों पर चर्चा की।
विशेष प्रशिक्षकों सत्य प्रकाश सिंह और रामप्रसाद पाठक ने सामाजिक कल्याण योजनाओं और कानूनी सहायता के लाभों को साझा किया। मनोपरामर्शदाता वर्षा सिंह ने मानसिक स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों, पुलिस स्टेशनों, विशेष अदालतों और सार्वजनिक स्थलों पर कानूनी सेवाओं की उपलब्धता के विषय में जानकारी दी।
इस कार्यक्रम में अधिवक्तागण, पराविधिक स्वयंसेवक, और अन्य विशेषज्ञों की उपस्थिति ने इसे और अधिक प्रभावी बनाया। इस प्रयास से मानसिक और बौद्धिक विकलांग व्यक्तियों को न्याय और सहायता दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है।