देवरिया: जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने जनपद में सड़क सुरक्षा को और मजबूत करने और हेलमेट के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है। “नो हेल्मेट, नो फ्यूल” रणनीति अब देवरिया में लागू की जा रही है। यह निर्णय परिवहन आयुक्त, प्रदेश द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, नोएडा मॉडल की सफलता को देखते हुए लिया गया है।
अभियान का क्रियान्वयन:
- शुरुआत में, “नो हेल्मेट, नो फ्यूल” अभियान को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शहरी क्षेत्रों में लागू किया जाएगा। इसके प्रभाव और परिणामों का मूल्यांकन करने के बाद इसे ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तारित किया जाएगा।
- जिला पूर्ति अधिकारी तेल कंपनियों के विक्रय अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करेंगे और जनपद के सभी पेट्रोल पंप संचालकों को इस अभियान के महत्व और क्रियान्वयन के बारे में प्रशिक्षित करेंगे।
- सभी पेट्रोल पंपों पर सीसीटीवी निगरानी सुनिश्चित की जाएगी, और ईंधन वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए नियमित निगरानी की जाएगी।
जागरूकता अभियान:
- परिवहन विभाग “नो हेल्मेट, नो फ्यूल” के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए होर्डिंग, बैनर, पंपलेट और सोशल मीडिया का उपयोग करेगा।
- स्कूल, कॉलेज, सामुदायिक केंद्र और पेट्रोल पंपों पर विशेष जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
- एनजीओ, स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों और मीडिया के सहयोग से इस अभियान को एक जन-आंदोलन का रूप दिया जाएगा।
कानूनी कार्रवाई:
- यातायात पुलिस और परिवहन विभाग हेल्मेट न पहनने वालों पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत जुर्माना लगाएगा।
- सभी पेट्रोल पंप संचालकों को “नो हेल्मेट, नो फ्यूल” नीति का कड़ाई से पालन करना होगा। उल्लंघन की स्थिति में संबंधित पेट्रोल पंप के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
श्रीमती मित्तल ने इस अभियान की सफलता के लिए सभी नागरिकों के सहयोग की अपील की है।