देवरिया। प्रदेश सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने और रोजगार के नए अवसर सृजित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इस योजना के तहत अगले दस वर्षों में 10 लाख नई सूक्ष्म इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है, जिससे युवाओं को स्वरोजगार अपनाने का बड़ा अवसर मिलेगा।
योजना के पात्रता मानदंड
उपायुक्त उद्योग के अनुसार, इस योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को स्वावलंबी बनाना और पूंजी निवेश को बढ़ावा देना है। पात्रता के लिए निम्नलिखित शर्तें आवश्यक हैं:
- आवेदक का जनपद निवासी होना अनिवार्य।
- आयु 21 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- न्यूनतम शैक्षिक योग्यता आठवीं पास, इंटरमीडिएट उत्तीर्ण आवेदकों को प्राथमिकता।
- किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से कौशल प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को प्राथमिकता मिलेगी।
- आवेदक ने अन्य सरकारी योजना (पीएम स्वनिधि योजना को छोड़कर) से पूंजी या ब्याज अनुदान का लाभ न लिया हो।
- आकांक्षात्मक विकास खंड के आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
योजना के तहत वित्तीय सहायता
- उद्योग एवं सेवा क्षेत्र में अधिकतम ₹5 लाख तक की परियोजनाओं पर 100% ब्याज उपादान अगले चार वर्षों तक दिया जाएगा।
- परियोजना लागत का कम से कम 10% टर्म लोन के रूप में होना अनिवार्य।
- सामान्य वर्ग के लिए परियोजना लागत का 15%, ओबीसी के लिए 12.5% और एससी/एसटी/दिव्यांगजन के लिए 10% स्वयं का अंशदान आवश्यक।
- ₹5 लाख तक की राशि पर 10% मार्जिन मनी सब्सिडी दी जाएगी, जो बैंक-लिंक्ड होगी।
द्वितीय चरण (विस्तारीकरण योजना)
- परियोजना लागत अधिकतम ₹10 लाख तक हो सकती है।
- पहले चरण में लिए गए ऋण को अधिकतम ₹7.50 लाख तक बढ़ाया जा सकता है।
- दूसरे चरण के ऋण पर 50% ब्याज उपादान तीन वर्षों तक मिलेगा।
- इस चरण में कोई मार्जिन मनी सब्सिडी नहीं दी जाएगी।
किन व्यवसायों को नहीं मिलेगा अनुदान
तंबाकू, गुटखा, पान, पटाखा आदि के निर्माण से जुड़ी परियोजनाओं को इस योजना के तहत ऋण नहीं मिलेगा।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
योजना से जुड़ी विस्तृत जानकारी के लिए मनीष वर्मा, उपायुक्त उद्योग (मो. नं. 9415657771) जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र, देवरिया से संपर्क किया जा सकता है।