जनपद के परंपरागत कुम्हारों और माटी शिल्पियों के लिए एक अच्छी खबर है। उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड की समन्वित विकास कार्यक्रम योजना के अंतर्गत ऐसे सभी कारीगरों को निःशुल्क विद्युत चालित चाक मशीनें दी जाएंगी, जो मिट्टी से बर्तन, मूर्तियाँ या खिलौने बनाकर अपनी जीविका चलाते हैं। यह योजना न केवल उनके परिश्रम को कम करेगी बल्कि उत्पादन क्षमता को भी कई गुना बढ़ा देगी।
जिला ग्रामोद्योग अधिकारी वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में देवरिया जिले के लिए 45 विद्युत चालित चाक वितरित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के तहत आवेदन करने वाले की आयु 18 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए और एक ही परिवार से केवल एक व्यक्ति को पात्र माना जाएगा। यदि किसी परिवार को पहले किसी सरकारी योजना से चाक मिल चुका है तो वह इस योजना का लाभ नहीं ले पाएगा।
इच्छुक कारीगर 27 मई 2025 तक upmatikalaboard.in वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ हालिया पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, राशन कार्ड, शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र, ग्राम प्रधान द्वारा जारी निवास प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से संलग्न करना होगा।
अधिक जानकारी के लिए जिला ग्रामोद्योग कार्यालय, जिला पंचायत भवन (प्रथम तल), देवरिया में संपर्क किया जा सकता है। यह योजना पारंपरिक शिल्प को आधुनिक तकनीक से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिसका उद्देश्य कुम्हार समाज को आत्मनिर्भर बनाना और उनके हुनर को नई उड़ान देना है।