गोपालगंज। शहर के मौनीया चौक स्थित गीता मानस मंदिर के सभागार में स्वावलंबी भारत अभियान द्वारा एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इस दौरान स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने समेत विभिन्न बिंदुओं पर विचार विमर्श कर रणनीति बनाई गई। साथ ही आगामी होने वाले कार्यक्रम की रूप रेखा तैयार। इस दौरानबैठक में मुख्य अतिथि के रूप स्वदेशी जागरण मंच के क्षेत्रीय संगठक अजय उपाध्याय उपस्थित हुए। बैठक की अध्यक्षता मंच के प्रदेश प्रचार प्रमुख डॉ मुकुल शर्मा द्वारा किया गया। विद्यार्थी परिषद के विभाग संयोजक अनीश कुमार द्वारा मुख्य अतिथि को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान शैक्षिक महा संघ के अध्यक्ष माधोकुमार सिंह समेत विभिन्न समाजिक संगठन के कार्यकर्ता शामिल हुए
दरअसल स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबन अभियान को और अधिक गति प्रदान करने को लेकर आयोजित बैठक में पहुंचे क्षेत्रीय संगठक अजय उपाध्याय ने भारत को पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए युवाओं में उद्यमिता और स्वरोजगार की भावना को बढ़ावा देने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि देश की आर्थिक संप्रभुता को बनाए रखने के लिए स्वदेशी उत्पादों को अपनाना और स्थानीय उद्योगों को मजबूत करना नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा, “स्वावलंबी भारत अभियान का मूल उद्देश्य देश के हर नागरिक को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है ताकि हम एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकें।”
बैठक के दौरान, श्री उपाध्याय ने ‘वोकल फॉर लोकल’ के नारे को एक जन-आंदोलन में बदलने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जब तक देश का प्रत्येक नागरिक स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता नहीं देगा, तब तक ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों का सपना साकार नहीं हो सकता। उन्होंने उपस्थित कार्यकर्ताओं और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर लोगों को स्वदेशी के महत्व के बारे में जागरूक करें और उन्हें स्वरोजगार के अवसरों की जानकारी दें। इसके अलावा उन्होंने कहा कि स्वावलंबन का मार्ग केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों की रक्षा से भी जुड़ा है। उन्होंने कहा कि विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता कम करके ही हम अपनी पहचान और स्वाभिमान को अक्षुण्ण रख सकते हैं।
उन्होंने पत्रकारो से बात करते हुए कहा कि देश के अंदर स्वदेशी स्वीकार और विदेशी बहिष्कार का वातावरण तेजी से बढ़े इसको लेकर रणनीति तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि हमें गांव गांव दुकान दुकान घर घर जाकर विनम्र से कहकर कर संकल्प दिलाना है कि जो भी बाजार से समान लेना है। वह भारत की बनी होगी।भारत के माथे पर बहते हुए पसीने से बना हुआ होगा और वह सामान जब बिकेगा उसका स्वामित्व भारत का होगा। यह संकल्प दुकानदार भाई बहनों से कराना है। बाजार से खरीदा गया सामान भारतीय व स्वदेशी हो।
बैठक में आनन्द मोहन पांडेय, जितेश कुमार, चंचल वर्णवाल, फौलादी सिंह, नवीन सोलंकी, सूरज कुमार चंदन, प्रिंस सिंह, आकाश गोयल, रोहित जयसवाल, विवेक कुमार सूरज, लखन तिवारी,कमलाकांत ठाकुर, परशुराम श्रीवास्तव समेत कई लोग मौजूद थे।