बखरी पंचायत के मुखिया बने चंद्रकांत सिंह चिंटू,शक्ति नारायण सिंह को हराया..महज तीन वोट से हारे थी चिंटू सिंह

गोपालगंज। जिले के कुचायकोट प्रखंड के बखरी पंचायत के बूथ संख्या 365 पर हुए पुनर्मतदान में चंद्रकांत सिंह उर्फ चिंटू सिंह ने जीत हासिल की है। उनके इस जीत के बाद प्रखंड कार्यालय पर समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। गगनचुंबी नारों के साथ निर्वाचित मुखिया का भव्य स्वागत किया गया।वही चंद्रकांत सिंह ने इस जीत पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह जीत न्याय की जीत है और हमारे पंचायत की जनता की जीत है जिन्होंने हम पर भरोसा किया है।
दरअसल चार साल की लंबी कानूनी लड़ाई और फिर पुनर्मतदान के बाद आखिरकार चंद्रकांत सिंह उर्फ चिंटू सिंह को न्याय मिला और वे गोपालगंज जिले के कुचायकोट प्रखंड की बखरी पंचायत के मुखिया निर्वाचित हुए। साल 2021 में हुए पंचायत चुनाव में वे महज तीन वोटों के मामूली अंतर से चुनाव हार गए थे, जिसके बाद उन्होंने चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

उस समय मतगणना के नतीजों से असंतुष्ट चंद्रकांत सिंह ने सिविल कोर्ट में एक वाद दायर किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें गलत तरीके से हराया गया है। करीब चार वर्षों तक चले इस कानूनी संघर्ष के बाद, न्यायालय ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया और संबंधित मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान का आदेश दिया। गुरुवार, 5 जून 2025 को हुए पुनर्मतदान में जनता ने एक बार फिर चंद्रकांत सिंह पर अपना भरोसा जताया। इस बार उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 238 मतों के निर्णायक अंतर से हराकर शानदार जीत दर्ज की। अपनी जीत के बाद चंद्रकांत सिंह ने इसे ‘न्याय की जीत’ करार दिया। उन्होंने कहा, “मुझे हमेशा से न्यायपालिका और अपनी पंचायत की जनता पर पूरा भरोसा था। चार साल तक मैंने धैर्यपूर्वक इंतजार किया और आज सत्य की विजय हुई है। यह मेरी व्यक्तिगत जीत नहीं, बल्कि पूरे पंचायत के उन लोगों की जीत है जो सच्चाई के साथ खड़े रहे।
सभी मतदाताओं का आभारी हूं जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया और मुझे एक बार फिर यह अवसर दिया। यह दिखाता है कि सच्चाई और न्याय हमेशा जीतते हैं, चाहे कितनी भी बाधाएं क्यों न आएं।” उन्होंने आगे कहा कि वे अपने कार्यकाल में जनता की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और गांव के विकास के लिए पूरी निष्ठा से काम करेंगे। यह जीत न केवल उनकी व्यक्तिगत जीत है, बल्कि उन सभी लोगों की जीत है जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास रखते हैं और न्याय के लिए लड़ने से पीछे नहीं हटते।”इस जीत के बाद उनके समर्थकों में भारी उत्साह का माहौल है।

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