उपायुक्त उद्योग सतीश कुमार ने बताया कि पारंपरिक कारीगरों के जीवन स्तर को उन्नत करने तथा उनके व्यवसाय को सशक्त बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना संचालित की जा रही है। योजना के तहत जनपद के बढ़ई, नाई, दर्जी, लोहार, राजमिस्त्री, हलवाई, धोबी एवं हस्तशिल्पियों को 10 दिवसीय निःशुल्क कौशल वृद्धि प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि योजना के दो प्रमुख घटक हैं— कौशल वृद्धि प्रशिक्षण तथा आधुनिक टूलकिट वितरण। प्रशिक्षण उपरांत लाभार्थियों का मूल्यांकन कर उन्हें आर.पी.एल. प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। इसके उपरांत सभी सफल प्रशिक्षार्थियों को नवीनतम तकनीकों से युक्त उन्नत टूलकिट भी उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वे अपने कार्य को और बेहतर तरीके से संचालित कर सकें।
जनपद देवरिया के लिए योजना के अंतर्गत कुल 775 लाभार्थियों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इच्छुक कारीगर msme.gov.in पोर्टल पर नि:शुल्क ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष निर्धारित है तथा आवेदक का संबंधित ट्रेड (जैसे—बढ़ई, दर्जी, नाई आदि) में कार्यरत होना अनिवार्य है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम पूर्णतः निःशुल्क एवं आवासीय होगा, जिसका आयोजन जनपद मुख्यालय पर किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान लाभार्थियों को मास्टर क्राफ्ट्समैन के माध्यम से ऑन-जॉब ट्रेनिंग भी प्रदान की जाएगी।
योजना से संबंधित अधिक जानकारी हेतु इच्छुक अभ्यर्थी कार्यदिवसों में जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केन्द्र, देवरिया में संपर्क कर सकते हैं। समन्वय हेतु सहायक प्रबंधक मनीष वर्मा के मोबाइल नंबर 9140381319 पर भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।