देवरिया: फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत पथरदेवा ब्लॉक के आयुष्मान आरोग्य मंदिर सेमरी से संबंधित फाइलेरिया मरीजों को सोमवार को पंचायत भवन पर आयोजित कार्यक्रम में पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफार्म (पीएसपी) के सहयोग से एमएमडीपी किट और प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान मरीजों को फाइलेरिया बीमारी के प्रबंधन और उससे बचाव के उपायों के प्रति जागरूक किया गया।
कार्यक्रम में सीएचओ अनुराधा सिंह ने डेमो के माध्यम से फाइलेरिया प्रभावित अंगों की सफाई और व्यायाम के जरिए हाथीपांव की सूजन को कम करने के तरीके बताए। मरीजों को छह प्रकार के व्यायाम सिखाए गए, जो फाइलेरिया प्रबंधन में सहायक हैं। इसके अलावा, 13 मरीजों को फाइलेरिया मरीज कार्ड और 12 दिनों की खुराक भी प्रदान की गई।
विशेषज्ञों की सलाह:विशेषज्ञों की सलाह:
विशेषज्ञों की सलाह:
- वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक नवीन प्रकाश भारती ने कहा, “पीएसपी के सदस्य फाइलेरिया मरीजों की खोज और उनके स्वास्थ्य लाभ में सक्रिय भूमिका निभाएं। हाईड्रोसील के मरीजों को चिन्हित कर सर्जरी के लिए तैयार करें।”
- फाइलेरिया निरीक्षक अनिल पांडेय ने फाइलेरिया के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह बीमारी क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलती है। संक्रमण के लक्षण 5 से 15 वर्षों में प्रकट होते हैं, जिससे अंगों में सूजन और महिलाओं में स्तन आकार में परिवर्तन हो सकता है।
रोग प्रबंधन और रोकथाम के उपाय:
- सीएचओ अनुराधा सिंह ने बताया कि नियमित व्यायाम और साफ-सफाई से प्रभावित अंगों की सूजन कम की जा सकती है।
- एमडीए अभियान के तहत पांच वर्षों तक सालाना दवा सेवन से फाइलेरिया का जोखिम कम होता है।
- एमएमडीपी किट के उपयोग से रोग प्रबंधन के प्रभावी परिणाम मिल सकते हैं।
कार्यक्रम में उपस्थिति:
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि महावीर प्रसाद, संगिनी इंदू देवी, आशा कार्यकर्ता कुसमावती देवी, इसरावती देवी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीलम राय, और फाइलेरिया मरीजों सहित सीफार और बीएसडब्लूयू के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मरीजों और ग्रामीणों ने इस कार्यक्रम की सराहना की।फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जागरूकता, नियमित दवा सेवन, और व्यायाम अत्यधिक प्रभावी हैं। पीएसपी के सहयोग से इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों को और मजबूत किया जा सकता है।