देवरिया: जिला प्रशासन ने बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने सभी धर्मगुरुओं और धार्मिक स्थल संचालकों से अपील की है कि वे धार्मिक स्थलों पर बिना आयु प्रमाणपत्र के विवाह न कराएं। उन्होंने कहा कि धर्मगुरुओं की सजगता बाल विवाह पर प्रभावी रोक लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
जिलाधिकारी ने कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह में किसी भी प्रकार की भागीदारी गंभीर अपराध है। यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
जिलाधिकारी ने सभी धर्मगुरुओं से आग्रह किया कि वे विवाह से पहले वर-वधू के आयु प्रमाण पत्रों की जांच सुनिश्चित करें। इसके अलावा, धार्मिक स्थलों पर दीवार लेखन और अन्य माध्यमों से बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि जागरूकता की कमी के कारण बाल विवाह संपन्न हो जाते हैं, जिन्हें सामुदायिक सजगता से रोका जा सकता है।
जिलाधिकारी ने सभी नागरिकों से अपील की कि बाल विवाह से जुड़ी किसी भी जानकारी को प्रशासन तक पहुंचाएं। बाल विवाह की सूचना देने के लिए निम्नलिखित हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं:
- चाइल्ड हेल्पलाइन: 1098
- सीयूजी नंबर: 7052097681
- अध्यक्ष बाल कल्याण समिति: 8299541747
- संरक्षण अधिकारी जिला बाल संरक्षण इकाई: 9452274299
- जिला परिवीक्षा अधिकारी: 9795094880
- बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी (अपर जिलाधिकारी प्रशासन): 9454416254
- पुलिस अधीक्षक: 9454458032
- जिलाधिकारी देवरिया: 9454417543
जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि बाल विवाह से जुड़ी सूचना मिलने पर प्रशासन तुरंत कार्रवाई करेगा।