गोपालगंज जिले के गोपालपुर थाना क्षेत्र के बड़हरा गांव में हुई पुलिसिया कार्रवाई को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिनों यहां जमीन विवाद के बाद पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प में बड़े स्तर पर हिंसा हुई थी। इसी संदर्भ में सोमवार को जीरादेई के माले विधायक अमरजीत कुशवाहा ने अपने दल के साथ बड़हरा गांव का दौरा किया और ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी आपबीती सुनी।
माले विधायक ने ग्रामीणों के घर-घर जाकर पुलिस द्वारा की गई कथित तोड़फोड़ का जायजा लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के साथ बर्बरता की, घरों में घुसकर सामान तोड़े, और 22 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। विधायक ने कहा, “पुलिस ने गर्भवती महिलाओं और बच्चों तक को नहीं छोड़ा। घरों के दरवाजे, फ्रिज, मोटरसाइकिल, यहां तक कि ट्रैक्टर और बोलेरो तक को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। यह पूरी घटना प्रशासन और सरकार की नाकामी को दर्शाती है।”
माले विधायक ने पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया और सरकार से सभी नामजद मुकदमे वापस लेने, गिरफ्तार लोगों को रिहा करने और क्षतिग्रस्त संपत्ति का मुआवजा देने की मांग की।
इससे पहले, सारण रेंज के डीआईजी ने भी गांव का दौरा किया था। वहीं, माले जिला सचिव इंद्रजीत चौरसिया ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए कहा कि यह पुलिस और अपराधियों के गठजोड़ का परिणाम है। उन्होंने 26 दिसंबर को जिला मुख्यालय पर विरोध मार्च की घोषणा की है।
ग्रामीणों में पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर भारी आक्रोश है, और अब यह मामला राजनीतिक तूल पकड़ चुका है। सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों ने इस घटना को लेकर सवाल उठाए हैं। पुलिस प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है।
माले विधायक ने बड़हरा गांव में पुलिसिया कार्रवाई पर उठाए सवाल, पीड़ितों को दिलाया न्याय का भरोसा
