देवरिया: नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत दुर्बल एवं वंचित समूह के बच्चों को विद्यालय में प्रवेश दिलाने के उद्देश्य से लॉटरी प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न हुई। जिलाधिकारी के निर्देशानुसार इस प्रक्रिया का संचालन मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पांडेय और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शालिनी श्रीवास्तव की उपस्थिति में किया गया।
प्रवेश प्रक्रिया का विवरण:
प्रथम चरण में प्राप्त आवेदनों के आधार पर 198 बच्चों को गैर-सहायतित मान्यता प्राप्त विद्यालयों में प्रवेश के लिए सीटें आवंटित की गईं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि आवंटित बच्चों के प्रवेश के लिए जिलाधिकारी की अनुमति के बाद पृथक आदेश जारी किए जाएंगे।
द्वितीय चरण की घोषणा:
जो बच्चे प्रथम चरण में प्रवेश नहीं पा सके, उनके लिए द्वितीय चरण की प्रक्रिया 1 जनवरी 2025 से शुरू होगी। अभिभावकों से अनुरोध है कि वे अपने नजदीकी विद्यालयों में पुनः आवेदन करें।
शिक्षा का अधिकार, सभी के लिए:
इस अवसर पर जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता, आलोक पांडेय ने भी भाग लिया। जिलाधिकारी द्वारा संबंधित विद्यालयों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे आवंटित बच्चों का समयबद्ध तरीके से प्रवेश सुनिश्चित करें।
यह प्रक्रिया शिक्षा के क्षेत्र में वंचित वर्ग के बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने का सराहनीय प्रयास है।