देवरिया: कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से संबंधित जनपद स्तरीय समिति की बैठक आयोजित हुई। एडीएम प्रशासन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में खाद्य सुरक्षा और औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता अभियान और प्रवर्तन कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए गए।
मुख्य बिंदु:
- तेल का पुन: उपयोग: बैठक में रेस्टोरेंट और खाद्य कारोबारियों को बार-बार एक ही तेल का उपयोग न करने की सलाह दी गई। बताया गया कि इससे तेल में हानिकारक तत्व उत्पन्न होते हैं, जो कैंसर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। समाधान के रूप में रीयूज्ड तेल को बायोडीजल बनाने का सुझाव दिया गया।
- तेल का पुनर्चक्रण: जनपद के तीन रेस्टोरेंट ने 182 लीटर रीयूज्ड तेल 40 रुपये प्रति लीटर की दर से लखनऊ स्थित केएनपी अराइजेस को बेचा है।
- फूड सेफ्टी व्हील्स: दूरस्थ क्षेत्रों में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए “फूड सेफ्टी व्हील्स” का उपयोग करने पर जोर दिया गया।
- चावल फोर्टिफिकेशन: जनपद की 10 राइस मिलों को फोर्टिफिकेशन सर्टिफिकेट प्रदान किया गया है और वे फोर्टिफाइड चावल का उत्पादन कर रही हैं।
- प्रमाण पत्र वितरण: हाइजीन रेटिंग कार्यक्रम के तहत 42 खाद्य कारोबारियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा बिनय कुमार सहाय ने बताया कि इस वर्ष 271 विधिक और 507 सर्विलांस नमूने संग्रहित किए गए हैं। साथ ही, 43 मेडिकल स्टोर की भी जांच की गई।
बैठक में सीएमओ डॉ. राजेश झा, सीओ संजय रेड्डी, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजीव मिश्र, डीएसओ संजय पांडेय, जिला आबकारी अधिकारी अनिल भारती, व्यापारी नेता शक्ति गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
यह बैठक जनपद में खाद्य सुरक्षा और औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।