जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी प्रियंका चौधरी ने बताया कि जनपद देवरिया में निर्धन एवं असहाय श्रवण बाधित (मूक-बधिर) बच्चों को कॉक्लियर इम्प्लांट योजना के अंतर्गत सुनने और बोलने योग्य बनाने के लिए छह लाख रुपये तक का अनुदान राज्य सरकार द्वारा जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के माध्यम से प्रदान किया जाता है।
अब तक जनपद के 25 मूक-बधिर बच्चों का चयन कर राजदीप हॉस्पिटल, गोरखपुर में निःशुल्क कॉक्लियर इम्प्लांट कराया गया है। अब ये बच्चे न केवल सुन पा रहे हैं, बल्कि अपने माता-पिता और परिजनों से संवाद भी कर रहे हैं। इन बच्चों के जीवन में यह योजना एक क्रांतिकारी बदलाव लेकर आई है। इस कार्य के लिए विभाग द्वारा एक करोड़ पचास लाख रुपये की धनराशि व्यय की गई है।
उन्होंने बताया कि कॉक्लियर इम्प्लांट योजना का लाभ लेने के लिए अभिभावकों की वार्षिक आय साठ हजार रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। पति या पत्नी का आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र तहसील द्वारा निर्गत होना चाहिए। बच्चे का दिव्यांग प्रमाण पत्र मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा जारी होना चाहिए। साथ ही, माता-पिता का आधार कार्ड तथा बच्चे के दो पासपोर्ट साइज फोटो भी आवश्यक हैं।