देवरिया जिले में मुहर्रम की 10वीं तारीख को रविवार को पूरे सम्मान और अनुशासन के साथ ताजिया जुलूस निकाला गया।
जुलूस में शामिल लोगों ने “या हुसैन” और “नारे तकबीर, अल्लाह हो अकबर” जैसे नारों के साथ माहौल को भावनात्मक और श्रद्धा से भर दिया।
शहर के विभिन्न हिस्सों और ग्रामीण इलाकों से जुलूस में भारी संख्या में लोग शामिल हुए।
अखाड़ों के खिलाड़ियों ने जुलूस के दौरान अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए हैरतअंगेज करतब दिखाए।
लाठी, तलवार और पारंपरिक युद्धक कौशल से सजे इन प्रदर्शनों को देखने के लिए रास्तों में बड़ी संख्या में दर्शक जुटे।
हर करतब पर तालियों और नारेबाज़ी से उत्साहवर्धन होता रहा।
ग्रामीण क्षेत्रों से आए ताजियादार और अखाड़ा के खिलाड़ी भी जुलूस में सम्मिलित हुए।
विभिन्न मार्गों से होते हुए यह जुलूस मालवीय रोड पर एकत्रित हुआ, जहां श्रद्धा और एकता की अद्भुत तस्वीर देखने को मिली।
सभी ताजिए शांति और अनुशासन के साथ तय रूट से गुजरे।
अंजुमन इस्लामिया के सदर जलालुद्दीन खान ने इस अवसर पर विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया।
उन्होंने ताजियादारों और अखाड़ा के खिलाड़ियों को उनके अनुशासन, प्रदर्शन और सहभागिता के लिए पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
यह क्षण आयोजन में एक गौरवपूर्ण पड़ाव के रूप में देखा गया।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा।
हर प्रमुख मार्ग और चौक पर पुलिस बल की तैनाती रही, जिससे जुलूस शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रूप से सम्पन्न हुआ।
जिले में कहीं से किसी प्रकार की अशांति की सूचना नहीं मिली, जिससे प्रशासन और स्थानीय लोग संतुष्ट नजर आए।